बैंकिंग क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का ढ़ूंढ लिया है समाधान: पीएम मोदी

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पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ‘निर्बाध ऋण प्रवाह और आर्थिक विकास के लिए तालमेल बनाना’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में सुधारों ने आज बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत स्थिति में ला दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते 6-7 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में जो सुधार किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत स्थिति में है। आप भी ये महसूस करते हैं कि बैंकों की वित्तीय स्वास्थ्य अब काफी सुधरी हुई स्थिति में है।

समस्याओं के समाधानों को तलाशना की विकल्प

पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाशे हैं। हमने नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की समस्या को एड्रेस किया, बैंकों को रीकैपिटलाइज किया, उनकी ताकत को बढ़ाया। हम आईबीसी जैसे सुधार लाए, अनेक कानूनों में सुधार किए, ऋण वसूली न्यायाधिकरणऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया। कोरोना काल में देश में एक समर्पित तनावग्रस्त परिसंपत्ति प्रबंधन कार्यक्षेत्र का गठन भी किया गया।

भारतीय बैंको की बढ़ी ताकत

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ समय में देश में जो बड़े-बड़े परिवर्तन हुए हैं, जो योजनाएं लागू हुई हैं, उनसे जो देश में डेटा का बड़ा पूल क्रिएट हुआ है, उनका लाभ बैंकिंग सेक्टर को जरूर उठाना चाहिए। आज भारत के बैंकों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो देश की इकॉनॉमी को नई ऊर्जा देने में, एक बड़ा पुश देने में, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। मैं इस फेज को भारत के बैंकिंग सेक्टर का एक बड़ा माइलस्टोन मानता हूं।

1942 की छलांग का परिणाम 1947 में आया

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है जब वह एक नई छलांग के लिए एक नया संकल्प लेता है और फिर उन संकल्पों को पूरा करने के लिए पूरे देश की ताकत एक साथ आती है। उन्होंने कहा कि 1942 की छलांग का परिणाम 1947 में आया। उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति में हैं जब छलांग के लिए जमीन ठोस है और लक्ष्य निर्धारित है। बस शुरू करना बाकी है।

जानकारी के लिए बता दें कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा यह दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न मंत्रालय, बैंक, वित्तीय संस्थान और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं।

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