उत्तर-पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी होगी और बेहतर, ‘मेड इन इंडिया’ विमान डोर्नियर-228 भरेगा उड़ान

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भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी अब और भी बेहतर हो जाएगी। दरअसल, ‘मेड इन इंडिया’ विमान डोर्नियर-228 यहां उड़ान भरेगा। जी हां, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारत में तैयार पहला नॉन-प्रेशराइज्ड डोर्नियर-228 विमान एलायंस एयर को सौंप दिया है, जिसमें 17 लोग एक साथ यात्रा कर सकेंगे। यह हल्का परिवहन विमान उत्तर पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और बेहतर करने में मदद करेगा। एलायंस एयर ने डोर्नियर-228 विमान उड़ाने के लिए एचएएल के साथ पिछले साल फरवरी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में करार किया था। एलायंस एयर एचएएल के ‘मेड इन इंडिया’ विमान डोर्नियर को उड़ाने वाली देश की पहली एयरलाइन होगी।

HAL ने एलायंस एयर को सौंपा भारत में बना पहला नॉन-प्रेशराइज्ड डोर्नियर-228 विमान

फरवरी, 2021 में 13वें एयरो इंडिया के दौरान बेंगलुरु में एलायंस एयर ने यात्री उड़ानों के लिए डोर्नियर-228 संचालन करने का एचएएल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। रक्षा बलों और रक्षा संगठनों के शीर्ष अधिकारियों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में यह समझौता हुआ था। इसके बाद एचएएल ने सितंबर, 2021 में 2 डोर्नियर-228 विमानों की आपूर्ति के लिए एलायंस एयर के साथ एक पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत 17 और 19 सीटों वाले एक-एक विमान का निर्माण किया जाना था।

उत्तर पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी करेगा बेहतर

अब एचएएल ने एलायंस एयर को पहला ‘मेड इन इंडिया’ डोर्नियर-228 विमान सौंप दिया है। इस 17 सीटर नॉन-प्रेशराइज्ड विमान को दिन और रात में भी संचालित किया जा सकता है लेकिन इसमें शौचालय नहीं होगा। इस विमान में एक एसी केबिन है जिससे उत्तर पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। एलायंस एयर एचएएल के ‘मेड इन इंडिया’ विमान डोर्नियर को उड़ाने वाली देश की पहली एयरलाइन होगी। एलायंस एयर भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) में अग्रदूत रही है। यह कदम देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र जैसे भीतरी इलाकों के लिए हवाई संपर्क मजबूत करेगा।

‘मेड इन इंडिया’ विमान है डोर्नियर

एलायंस एयर के लिए बनने वाले दूसरे 19 सीटर डोर्नियर-228 में वातानुकूलित केबिन के साथ एक शौचालय भी होगा। यह विमान भी दिन और रात के संचालन में सक्षम है। यह हल्का परिवहन विमान क्षेत्रीय संपर्क को सुगम बनाने के साथ ही देश के भीतरी इलाकों को जोड़ने की चुनौतियों का समाधान करेगा। कमर्शियल ऑपरेशन के लिए एलायंस एयर 19 सीटर विमान का इस्तेमाल करेगी। डोर्नियर विमान एलायंस एयर के बेड़े का विस्तार करने के साथ ही कंपनी को ‘मेड इन इंडिया’ विमान डोर्नियर को उड़ाने वाली देश की पहली एयरलाइन बनाने में मदद करेंगे। बिलासपुर एयरपोर्ट को भी इस विमान की जरूरत है क्योंकि बिलासपुर में भारत का सबसे छोटा (1500 मीटर) रनवे है। बिलासपुर के लिए एकमात्र ऑल वेदर 17 सीटर डोर्नियर-228 प्लेन मुफीद हो सकता है।

डोर्नियर-228 विमान की खासियत

डोर्नियर-228 एक ट्विन-टर्बोप्रॉप शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग यूटिलिटी विमान है जिसे भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने निर्मित किया है। एचएएल ने डोर्नियर-228 को ‘अत्यधिक बहुमुखी बहुउद्देश्यीय हल्के परिवहन विमान’ के रूप में वर्णित किया है। यह विमान उपयोगिता के मामले में कम्यूटर परिवहन, तीसरे स्तर की सेवाओं, एयर-टैक्सी संचालन, तट रक्षक कर्तव्यों और समुद्री निगरानी जैसी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। इसका इस्तेमाल प्रदूषण निवारण, सैनिकों के परिवहन, हवाई सर्वेक्षण, खोज और बचाव, कार्गो और रसद सहायता के लिए भी किया जा सकता है। विमान का कॉकपिट चालक दल के दो सदस्यों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और वातानुकूलित केबिन में 17 यात्री बैठ सकते हैं। विमान का पंख 16.97 मीटर, कुल लंबाई 16.56 मीटर और कुल ऊंचाई 4.86 मीटर है।

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