रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरूरतों के अलावा भी लोगों की सबसे बड़ी जरूरत ”रोजगार” है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (PMEGP) जैसी बेहतरीन योजना चला रही है।
अब तक का सबसे अधिक रोजगार सृजन का बनाया रिकॉर्ड
इस योजना का कमाल तो देखिए… पीएम मोदी के कार्यकाल में गुजरे कुछ साल में ही इस योजना के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है। जी हां, अभी हाल ही में KVIC यानि ‘खादी और ग्रामोद्योग’ ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक का सबसे अधिक रोजगार सृजन का रिकॉर्ड भी बनाया है।
एक पंथ दो काज कर रही योजना
अगर देखा जाए तो ‘एक पंथ दो काज का मुहावरा’ भी इस योजना पर बिलकुल सटीक बैठता है। दरअसल, ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ जहां एक ओर देश के युवाओं को रोजगार मुहैया करा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कोविड संकट और लॉकडाउन के बाद सुस्त पड़ चुके तमाम कार्यक्षेत्रों को फिर से नई गति भी प्रदान कर रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए वरदान
इस योजना के जरिए युवाओं में नया जोश और जुनून देखने को मिल रहा है। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का लाभ लेने वाली यंग माइंड जनरेशन आज देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रही है। भारत के उत्पादों को पूरी दुनिया में नई पहचान मिल रही है। आर्थिक रूप से कमजोर पड़े लोगों के लिए तो यह योजना वरदान या नए जीवनदान के समान साबित हुई है।
8.25 लाख का रोजगार सृजन दर्ज
फिलहाल खादी और ग्रामोद्योग की बात करें तो खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने वित्त वर्ष 2021-22 में पीएमईजीपी के तहत अब तक के सबसे अधिक रोजगारों का सृजन करके पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 8.25 लाख का अब तक का सबसे अधिक रोजगार सृजन दर्ज किया है। इसके साथ ही आयोग ने अभूतपूर्व रूप से 1.03 लाख नई विनिर्माण और सेवा इकाइयों की भी स्थापना की।
2008 में पीएमईजीपी योजना की हुई शुरुआत
वर्ष 2008 में पीएमईजीपी योजना की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब केवीआईसी ने एक वित्त वर्ष में एक लाख से अधिक नई इकाइयां स्थापित की हैं। यह 1,03,219 इकाइयां लगभग 12,000 करोड़ रुपए की कुल पूंजी से स्थापित की गई हैं, जिसमें केवीआईसी ने 2,978 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की है, जबकि बैंक क्रेडिट प्रवाह लगभग 9,000 करोड़ रुपए था। वर्ष 2021-22 में केवीआईसी द्वारा दी गई 2,978 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी वर्ष 2008 से लेकर अब तक की ऐसी सबसे अधिक राशि है। पूरे देश में इससे 8,25,752 नए रोजगार सृजित हुए, जो पीएमईजीपी के तहत अब तक के सबसे अधिक रोजगार हैं।
भारत सरकार के आत्म-स्थायित्व में सबसे शक्तिशाली उपाय
ऐसे में यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 2021-22 में भारत सरकार के आत्म-स्थायित्व के सबसे शक्तिशाली उपाय के रूप में उभरा है। इस प्रोग्राम के जरिए कई राज्यों में रोजगार की समस्या का समाधान किया गया है। आज प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना लोगों को स्वरोजगार दिलाने में अहम भूमिका अदा कर रही है।
आवेदक को मिलेगी ये मदद
इस योजना के तहत आवेदन करने वाले को सरकार की ओर से उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपए कर्ज मिलता है। केवल इतना ही नहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत आवेदक को कर्ज लेने पर सरकार की ओर से 15 फीसदी तक की सब्सिडी भी दी जाती है।
योजना का उद्देश्य
दरअसल प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना लोगों को उनका स्वरोजगार प्रदान करने की दिशा में केंद्र सरकार की एक पहल है। इससे जुड़कर लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना का मकसद युवाओं में रोजगार को बढ़ावा देना है। पिछले कुछ साल में इस योजना के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिला है।
योजना के लाभ के लिए राज्यों में लगी होड़
कुछ राज्य तो अब इस योजना के जरिए अब अपनी अर्थव्यवस्था को नंबर एक बनाने की दिशा में जुट गए हैं। वाकई कई राज्यों में यह पहल रंग ला रही है। केवल इतना ही नहीं इस योजना के लाभार्थी नौकरी खोजने के बजाय, नौकरी देने वाले भी बन रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत देश में सबसे ज्यादा निवेश और रोजगार उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बना है। यह उपलब्धि वैश्विक महामारी कोरोना और प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के बावजूद दर्ज की गई।
आप भी ले सकते हैं पीएमईजीपी का लाभ
पीएमईजीपी के तहत शुरू की गई इकाई को तीन साल तक सफलतापूर्वक चलाने के बाद दोबारा इकाई के विस्तार के लिए एक करोड़ रुपए का लोन पुन: लिया जा सकता है। इस पर भी 15 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए आप kviconline.gov.in पर भी विजिट कर सकते हैं। PMEGP पोर्टल 1 जुलाई 2016 से लागू किया गया।
सफलता की कहानी
पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) योजना ने नरदीप सिंह को एक सफल उद्यमी बनने में काफी मदद की। गर्व के भाव से नरदीप सिंह अपनी सफलता के बारे में बताते हैं, “मैंने नौकरी के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन सफलता पाने में विफल रहा। इससे निराश होकर मैंने उधमपुर स्थित जम्मू और कश्मीर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से संपर्क किया। वहां, जिला के अधिकारी ने मुझे पीएमईजीपी योजना के बारे में जानकारी दी और इसके बारे में आश्वस्त किया। इस तरह मेरे भीतर एक उद्यमी पैदा हुआ।” उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद मैंने हाइड्रोलिक उपकरण इकाई के निर्माण के लिए 24.96 लाख रुपये की ऋण सहायता के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन को आखिरकार डीएलटीएफसी (जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी) ने अपनी मंजूरी दी।” नरदीप ने आगे बताया, “जीवन में विफलताओं के बावजूद मैंने अपनी अंतरात्मा से कभी समझौता नहीं किया। मैंने एक जोखिम लिया और आखिरकार मुझे इसका लाभ मिला। फिलहाल मैं लगातार अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा हूं।”
एमएसएमई मंत्रालय 2008-09 से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को संचालित कर रहा है। गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम स्थापित करके देश में रोजगार के अवसर उत्पन्न के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को नोडल एजेंसी बनाया गया है।