क्या आप जानते हैं कि सीएसआईआर – एनपीएल भारतीय मानक समय (आईएसटी) का संरक्षक है, जो सीज़ियम परमाणु घड़ियों और हाइड्रोजन मेसर से युक्त परमाणु टाइमस्केल का उपयोग करके उत्पन्न होता है। इतना ही नहीं, आईएसटी को अत्यंत सटीक उपग्रह लिंक का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय संदर्भ समय यूटीसी (समन्वित यूनिवर्सल टाइम) के कुछ नैनोसेकंड के भीतर पता लगाने योग्य रखा जाता है। आइए और देखें कि सीएसआईआर – एनपीएल देश के समय की सटीकता को कैसे बनाए रखता है।
क्या आप जानते हैं कि सीएसआईआर – एनपीएल वायुमंडलीय प्रदूषण की निगरानी के लिए गैस और वायुजनित कणों के मापन को मानकीकृत करता है ?
क्या आप जानते हैं कि अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले मतदाताओं को चिहिन्त करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली ‘चुनाव स्याही’ या ‘अमिट स्याही’ 1952 में सीएसआईआर – एनपीएल में विकसित की गयी थी और इसे भारतीय लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण योगदानों मे से एक माना जाता है ।
क्या आप जानते हैं कि सीएसआईआर एनपीएल ने भारत में प्रतिदिन भारी मात्रा में उत्पन्न कचड़े को पुनर्चक्रित(रिसायकल) कर बहुरंगी टाइलें बनाने की तकनीक विकसित की है ।
अब समय आ गया है कि सीएसआईआर एनपीएल में विज्ञान के इन सभी चमत्कारों से प्रत्यक्ष परिचय प्राप्त किया जाए, जो 17 से 21 अप्रैल, 2023 तक “वन-वीक, वन लैब” कार्यक्रम के तहत आम जनता के लिए खोल रहा है ।
माननीय मंत्री (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में “वन वीक, वन लैब” नामक एक अनूठे अभियान की घोषणा की, जिसमें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की सभी प्रयोगशालाएं न केवल अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए आमजन तक पहुंचेंगी बल्कि डीप टेक वेंचर्स के माध्यम से अवसरों की तलाश करने के लिए युवा इनोवेटर्स, छात्रों, स्टार्ट-अप्स, शिक्षाविदों और उद्योग जगत को प्रेरित करेगी।