गंगा एवं सहायक नदियों के संरक्षण को योजना तैयार करने के दिए निर्देश

Uttarakhand News

रुद्रप्रयाग / गंगा एवं सहायक नदियों के संरक्षण के लिए अब जन प्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिलों में नगर निगम, पंचायत से लेकर ग्राम सभा स्तर पर ग्राम प्रधानों को नदियों के संरक्षण का नोडल नामित करने की सिफारिश की है। इसके लिए एनजीटी की ओर से नमामि गंगे एवं जिला प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं। जनपद में नदियों से लगे 91 ग्रामों के प्रधानों को गंगा संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी।
आज एनआईसी कक्ष में प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अभिमन्यु की अध्यक्षता में गंगा संरक्षण समिति की बैठक में समिति के सदस्य विभागों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों के अनुरूप रिपोर्ट पेश की गई। डीएफओ ने सभी विभागों को गंगा एवं सहायक नदियों से सटे सभी इलाकों में लगातार निरीक्षण एवं छापेमारी में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि जहां भी नदियों के समीप कूड़ा फेंका जा रहा है, सीवेज छोड़ा जा रहा है या अन्य कोई ऐसी गतिविधि की जा रही है, जिससे नदियों को नुकसान हो या गंदगी फैले, ऐसे सभी स्थानों को चिन्हित किया जाए। जो भी ऐसे कृत्यों में दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ नियमानुसार चालान एवं अन्य कार्यवाही की जाए। इसके बाद भी जो लोग नहीं मानते उनकी शिकायत गंगा संरक्षण समिति से की जाए। उन्होंने बताया कि नदियों के संरक्षण के लिए जिले की ओर से ‘गंगा एक्शन प्लान‘ भी तैयार कर एनजीटी को भेजा जाना है, इसके लिए सभी विभाग अपनी ओर से तैयारियां पूरी कर लें।
जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे अभिलाषा पंवार ने बताया कि जिले में नदियों से लगती 91 ऐसी ग्राम सभाएं हैं, जहां के प्रधानों को गंगा संरक्षण के लिए नोडल बनाया जाना है। वहीं पंचायत एवं पालिका क्षेत्रों में अध्यक्षों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। चयनित जनप्रतिनिधियों को नोडल के तौर पर कुछ अधिकार भी दिए जाएंगे ताकि वो अपने स्तर से गंगा के संरक्षण को कार्यवाही कर सकें।

   बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई खुशवंत सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रुद्रप्रयाग सुशील कुमार, डीपीआरओ पंचायत प्रेम सिंह रावत, गीता, रविंद्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *