देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज राजभवन प्रेक्षागृह में आयोजित ‘‘नशामुक्त उत्तराखण्ड’’ पर आधारित संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड की पुस्तक ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (ToFEI) क्रियान्वयन निर्देशिका’’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से जो संदेश युवाओं, उनके माता-पिता और गुरूजनों तक जाएगा, इसका एक बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने शासन-प्रशासन सहित इस मिशन से जुड़े संगठनों, स्वयंसेवकों, कार्यकर्ताओं व जागरूक नागरिकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि नशामुक्त उत्तराखण्ड के इस अभियान में हम सभी को सक्रिय भूमिका निभानी है।
राज्यपाल ने कहा कि सामान्यतः अपने बच्चे में नशे की लत का पता चलते ही हम ऐसी बातों को छुपाने की कोशिश करते हैं। यह एक अलार्मिंग सिचुएशन है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक एजुकेशन हब है। आजकल बच्चे बहुत छोटी आयु में नशे की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती ड्रग्स है। कहा कि नशामुक्ति बहुत बड़ी चुनौति है। हमें इस समस्या के लिए समाधान ढूंडने होंगे। उन्होंने कहा हमारे राष्ट्र के सपने हैं कि हम विश्व गुरु बनना चाहते हैं, आत्मनिर्भर भारत बनना चाहते हैं, वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना चाहते हैं, परन्तु बहुत सी ऐसी ताकतें हैं, जो हमें पूरी सिसिलाइजेशन को बर्बाद कर देता है। हमें ऐसी ताकतों से अपने युवाओं को बचाने के लिए पूरे समाज को जागना पड़ेगा।
राज्यपाल ने कहा कि हमें यह समझना अति आवश्यक है कि यह बुराई पनपती कहां से है। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार वो लोग हैं जो इन नशीले पदार्थों को बनाते हैं, हमें उनकी जड़ों को समूल नष्ट करना है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप किस संगत में रह रहे हैं, किस माहौल में रहे हैं, आप कैसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। इससे आपके जीवन की दिशा तय होती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर कोई न कोई शौक पालना होगा, कोई जुनून पैदा करना होगा। ताकि हम ऐसी चीजों से दूर रह सकें। उन्होंने कहा कि नशा केवल व्यक्तिगत लत नहीं है बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास में अवरोध भी पैदा करता है। यह एक ऐसी बुराई है जो न केवल व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बर्बाद करती है, बल्कि समाज में अपराध और असामाजिक गतिविधियों को भी जन्म देती है।
राज्यपाल ने कहा कि हम सभी को ड्रग्स, शराब, तंबाकू उत्पाद जैसे सभी प्रकार के नशे के विरुद्ध अपनी लड़ाई को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाना है तभी हम ‘‘नशामुक्त उत्तराखण्ड’’ के स्वप्न को साकार कर पाएंगे। हमें इस मिशन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस जन आंदोलन के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह मात्र एक विषय नहीं है बल्कि हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान है।