राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने आज अल्मोड़ा जनपद भ्रमण के दौरान रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर का भ्रमण किया। इस दौरान राज्यपाल ने सेंटर में अधिकारियों, जवानों एवं प्रशिक्षु अग्निवीर जवानों से भेंट वार्ता करने के साथ-साथ वीर नारियों का सम्मान भी किया। इस अवसर पर सेंटर के कमांडर ब्रिगेडियर एस. के. यादव ने राज्यपाल को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सेंटर की वर्तमान गतिविधियों एवं भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। प्रस्तुतीकरण के उपरांत राज्यपाल ने सेंटर द्वारा किए जा रहे “आउटरीच प्रोग्राम्स” के अंतर्गत सैनिकों एवं उनके परिवारों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों, दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और उच्च शिक्षा संस्थानों से समन्वय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सुझाव दिया कि सैनिकों के लिए एआई आधारित कार्यक्रमों, उद्यानिकी और पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को होम स्टे, मौन पालन जैसी योजनाओं से जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर केंद्र स्थापित किए जाएँ। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कुमाऊं रेजिमेंट का इतिहास गौरवशाली रहा है और यहां के सैनिकों एवं जवानों ने समय-समय पर राष्ट्र की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय थलसेना की सबसे बड़ी इन्फैंट्री रेजिमेंट्स में से एक है, जिसमें वर्तमान में 23 बटालियनें कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि यह रेजिमेंट न केवल देश की सीमाओं की रक्षा में अग्रणी रही है, बल्कि उसकी सुदृढ़ प्रशिक्षण परंपरा एवं अनुशासनात्मक संस्कृति भी विश्वस्तर पर प्रतिष्ठित है। इस अवसर राज्यपाल ने सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों की कार्यप्रणाली का अवलोकन करते हुए “डिजिटलीकरण”, “स्मार्ट फायरिंग सिमुलेटर”, “आईटी एवं ऑनलाइन कोर्सेज”, “जेसीओ हेतु ऑनलाइन परीक्षा केंद्र” तथा “हाई परफॉर्मेंस सेंटर” जैसी नवाचार पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सैनिकों के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु आर्चरी, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो जैसे खेलों का प्रशिक्षण देना एक अनुकरणीय प्रयास है। भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर के वूल केंद्र का भी निरीक्षण किया, इस केंद्र में पूर्व सैनिक आश्रित महिलाओं द्वारा ऊन से कपड़ा बनाकर शॉल, जैकेट्स जैसे गर्म परिधानों का निर्माण किया जाता है, राज्यपाल ने वूल केंद्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किए जा रहे आपके प्रयास सराहनीय है।
