कृषि मंत्री की ‘पाठशाला’, जानें क्या हुई किसानों के फायदे के लिए पढ़ाई

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देश के किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराने और जागरूक करने के लिए “किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी अभियान” चलाए जा रहा है। इसके तहत किसानों के लिए चलाए गए फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत एक विशेष ‘फसल बीमा पाठशाला’ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी हिस्सा लिया।

देश के किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले फसल के नुकसान पर इंश्योरेंस कवर प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया है। दरअसल कई बार बेमौसम बारिश, सूखा या ओलावृष्टि से किसानों की पूरी की पूरा फसल बर्बाद हो जाती है। जिसकी वजह से किसान की आर्थिक स्थिति पर भी संकट छा जाता है। ऐसे किसानों के संकट के समय में मदद के लिए 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से अब तक लाखों किसानों को लाभ पहुंचा है।

इस योजना ने किसान को फसल बीमा ऐप, कृषक कल्याण केंद्र- सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर हुए फसल के नुकसान की रिपोर्ट करना और भी आसान बना दिया है। इसके बाद, नुकसान के दावा का लाभ पात्र किसान के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रदान किया जाता है। पीएमएफबीवाई पोर्टल के साथ भूमि रिकॉर्ड का संयोजन, किसानों के नामांकन को आसान बनाने के लिये फसल बीमा मोबाइल-ऐप का उपयोग और उपग्रह इमेजरी, रिमोट-सेंसिंग तकनीक, ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसी तकनीक से फसल नुकसान का आकलन करने के लिए योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।इस समय, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-पीएमएफबीवाई के तहत नामांकित कुल किसानों में से, 84% छोटे और सीमांत किसान हैं। इस प्रकार, सबसे कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

अब तक इतने किसानों को हुआ लाभ

खरीफ सत्र 2016 से खरीफ सत्र 2021 तक फसल बीमा योजना के अंतर्गत हर वर्ष लगभग 5.5 करोड़ किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया था और अब तक लगभग 21000 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में एकत्र किए गए हैं और किसानों ने बीमा दावे के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान प्राप्त किया है।

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी फसल बीमा योजना

किसानों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। जिसका सीधा लाभ देश के करोड़ों किसानों को प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना विश्व स्तर पर किसान भागीदारी के मामले में सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है और प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है।

समय पर दस्तावेज के लिए ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’

वहीं किसानों को फसल बीमा का लाभ समय पर मिले इसे लेकर भी सरकार का पूरा ध्यान है और “मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ” की शुरुआत की। इस योजना के शुरुआत करने का मकसद था कि किसानों को फसल बीमा से जुड़े सभी दस्तावेज समय पर मिल जाएं। दरअसल, पहले किसानों को इस योजना के तहत हार्ड कॉपी नहीं मिल पाती थी, जिसके चलते किसानों को दस्तावेज ना होने के कारण बीमा क्लेम का लाभ नहीं मिल पाता था। अब फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने के लिए किसान नागरिकों को मेरी पॉलिसी मेरे हाथ योजना के अंतर्गत घर तक फसल बीमा योजना के दस्तावेज पहुंचाए जा रहे हैं। दस्तावेजों से संबंधी समस्या को दूर करने के लिए फसल बीमा योजना का लाभ किसानों तक प्रदान करने हेतु इसके लिए यह पॉलिसी शुरू की गयी है।

इस बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा पॉलिसियों के वितरण अभियान “मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ” का शुभारंभ गत 26 फरवरी को होने के बाद 15 अप्रैल तक 1.80 करोड़ आवेदकों को पॉलिसी वितरण किया गया ।

फसल बीमा पाठशाला में 1 करोड़ किसान हुए शामिल

बता दें कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत चल रहे “किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी अभियान” के एक भाग के रूप में, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत एक विशेष ‘फसल बीमा पाठशाला’ अभियान चलाया गया। देश भर के विभिन्न स्थानों से 1 करोड़ से अधिक किसानों ने इस विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

”दूत” किसान बन अन्य किसानों की करें मदद

फसल बीमा पाठशाला में देश भर के किसानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) से किसान लाभान्वित हुए हैं और बड़ी संख्या में किसान इस योजना से जुड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो किसान सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं, वे “दूत” किसान बनें और अन्य किसानों को लाभ प्राप्त करने में मदद करें और इस प्रकार से भारतीय कृषि को मजबूत करें।

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