भारतीय नौसेना के जहाजों निशंक और अक्षय को उनके द्वारा 32 वर्षों की शानदार सेवा प्रदान करने के बाद 03 जून, 2022 को सेवामुक्त कर दिया गया। इसका आयोजन नेवल डॉकयार्ड, मुंबई में एक पारंपरिक समारोह में किया गया, जिसमें सूर्यास्त के समय दोनों जहाजों से अंतिम बार राष्ट्रीय ध्वज, नौसैना का झंडा और डिकमीशनिंग पेनेंट को उतारा गया।
आईएनएस निशंक को 12 सितंबर, 1989 को सेवा में शामिल किया गया था, जबकि आईएनएस अक्षय को एक वर्ष बाद 10 दिसंबर, 1990 को पोटी, जॉर्जिया में सेवा में रखा गया था। आईएनएस निशंक 22 मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन और आईएनएस अक्षय 23 पेट्रोल वेसल स्क्वाड्रन का हिस्सा थे, जो फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, महाराष्ट्र नौसेना क्षेत्र के परिचालन नियंत्रण में आते हैं।
ये जहाज 32 से ज्यादा वर्षों तक नौसेना की सेवा में सक्रिय रूप से शामिल रहे और अपनी शानदार सेवा के दौरान कई नौसैनिक अभियानों में हिस्सा लिया, जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान ओपी तलवार और 2001 में ओपी पराक्रम शामिल है।
समारोह के मुख्य अतिथि नौसेना प्रमुख, एडमिरल आर हरि कुमार थे। समारोह में शामिल होने वाले गणमान्यों में वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान, वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी नौसेना कमान शामिल थे।
इस समारोह के सम्मानित अतिथि वाइस एडमिरल आर के पटनायक (सेवानिवृत्त) और वाइस एडमिरल एसपीएस चीमा (सेवानिवृत्त) थे, जो आईएनएस अक्षय और आईएनएस निशंक के पहले कमांडिंग ऑफिसर रह चुके हैं।