चम्पावत /मानसून काल के पश्चात डेंगू के बढ़ते खतरे के दृष्टिगत अपरजिलाधिकारी ने रोकथाम हेतु स्वास्थ्य, पेयजल, नगर निकाय के अधिकारियों के साथ वर्चुअली बैठक की।
बैठक के दौरान अपरजिलाधिकारी ने कहा कि जुलाई से नवंबर तक डेंगू फैलने की संभावना होती हैं।
इस के नियंत्रण हेतु व्यापक उपाय करने के साथ ही साफ सफाई व नियमित फोगिंग , गमले व कूलर में रुके को 24 से 48 घण्टे के भीतर बदलने के निर्देश देते हुए इस सम्बंध में जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में नगरपालिका, नगरपंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रो में जिला पंचायत द्वारंगर एवं कस्बों में प्रत्येक वार्ड एवं गलियों में जाकर फोगिंग एवं सफाई अभ्यान चलाया जाए ताकि डेंगू का लार्वा पनपने ना पाए।
उन्होंने कहा कि 2015 में जनपद में डेंगू का एक प्रकरण सामने आया था। इस हेतु सतर्कता बरती जानी आवश्यक हैं।
इस सम्बंध में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों से अपने क्षेत्रान्तर्गत लगातार इस अभियान के सम्बंध में समीक्षा कर जन जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि डेंगू के लक्षण दिखने पर तत्काल रोगी को नजदीकी चिकित्सालय में भर्ती कराये ताकि डेंगू के संक्रमण से बचा जा सके।
अपर जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में जिला चिकित्सालय में व उप चिकित्सालय टनकपुर, पाटी, लोहाघाट, बाराकोट, लोहाघाट में रेपिट टेस्टिंग की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग इस हेतु पूर्ण कर लें। साथ ही जल संस्थान एवं जल निगम अपने पेयजल टैंकरों की नियमित सफाई रखें।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से समस्त उपजिलाधिकारी, अधिशासी अधिकारी नक़्गर पालिका व नगरपंचायत समेत अन्य जुड़े रहे।
