स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ब्रह्म सिंह वर्मा ने आयोग का प्रथम प्रतिवेदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा

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उत्तराखण्ड के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ब्रह्म सिंह वर्मा ने आज आयोग का प्रथम प्रतिवेदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। आयोग के अंतरिम प्रतिवेदन में जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 171 प्रधान पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 69 पदों की संस्तुति की है। जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 3 प्रमुख पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 1 पद की संस्तुति की है। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया राज्य के अन्य 12 जनपदों में पूर्ण न होने के कारण जनपद हरिद्वार में अध्यक्ष जिला पंचायत पद के आरक्षण के सम्बन्ध में आयोग द्वारा कोई संस्तुति नहीं की गई है। जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल 362 ग्राम पंचायत सदस्य आरक्षित किये गये हैं। कतिपय ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक होने के कारण एकल समर्पित आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल 281 वार्ड आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का समग्र आरक्षण अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा के अन्तर्गत है। जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 27 क्षेत्र पंचायत सदस्य के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 27 सदस्य आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है। जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 6 जिला पंचायत वार्डों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 6 वार्ड आरक्षित किये जाने की संस्तुति की है, जो कि 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है।

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