स्वच्छता जीवन की मूलभूत आवश्यकता में से एक है। स्वच्छ वातावरण का प्रभाव हमारे जीवन के हर पहलू में दिखाई देता है। स्वच्छता एक ऐसा विषय है, जो व्यक्तिगत स्तर से लेकर सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर तक किसी न किसी रूप में हमे दो-चार होते ही रहते है। स्वच्छता के इस मूलभूत जरूरत को लेकर केंद्र सरकार भी काफी सजग है। केंद्र सरकार की पहल ‘स्वच्छ भारत मिशन’ आज जन भागीदारी से जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। स्वच्छता के इस भावना को और आगे ले जाने के लिए सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिये ‘मशीनीकृत स्वच्छता परिवेश विकसित करने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना – नमस्ते योजना’ तैयार की गई है।
क्या है नमस्ते योजना
यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम है। यह योजना शहरी भारत में स्वच्छता कर्मचारियों के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम का निर्माण करते हुए उनकी सुरक्षा और गरिमा की परिकल्पना करता है। इस केंद्रीय क्षेत्र की योजना में सफाई कर्मियों को आने वाली समस्याओं से निपटने का प्रयास करती है। योजना में सफाई कर्मियों की स्वच्छता प्रक्रिया में शून्य मृत्यु स्थिति, सफाई कर्मियों की मानव मल के सीधे संपर्क में आने से सुरक्षा और सीवर व सेप्टिक टैंक के सफाई कर्मियों की आजीविका के वैकल्पिक स्त्रोत तक पहुंच सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अंतर्गत सफाई कर्मियों (Safai Mitras) की सुरक्षा के लिये आवश्यक मशीनों व उपकरणों का चयन भी किया गया है।
बन रहा मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र
योजना के विषय पर आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा है कि सरकार ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र-नमस्ते योजना के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई है। हाल ही में राज्यसभा में केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि इसका उद्देश्य देश में सफाई के काम के दौरान होने वाली मौत को रोकना है। उन्होंने कहा कि इस योजना से कोई भी सफाई कर्मचारी मानव मल के सीधे संपर्क में नहीं आएगा और सभी सीवर तथा सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले श्रमिकों के पास वैकल्पिक आजीविका का साधन उपलब्ध होगा।
सफाई मित्रों के लिए वैकल्पिक आजीविका
केंद्र सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से शहरी भारत में सफाई मित्रों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित कर लंबे समय तक चलने वाली आजीविका प्रदान करना है। क्षमता निर्माण और सुरक्षा उपकरणों और मशीनों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से उनकी व्यावसायिक सुरक्षा में बढ़ोत्तरी करना। नमस्ते योजना का उद्देश्य स्वच्छता कर्मचारियों की आर्थिक कमजोरी में कमी लाने के लिए उन्हें वैकल्पिक आजीविका सहायता और अधिकार तक पहुंच भी प्रदान करना है। सफाई मित्रों को स्व-रोजगार और कुशल क्षेत्र में रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्रदान कर स्वच्छता कार्य में परंपरागत रूप से लगे रहने की परंपरा को तोड़ने में सक्षम बनाना है।
500 शहरों को किया जाएगा शामिल
नमस्ते योजना के लिए शहरों के चयन में नगरपालिकाओं के साथ एक लाख से ज्यादा आबादी वाले सभी शहर और कस्बे, इनमें छावनी बोर्ड (नागरिक क्षेत्र) भी शामिल हैं। योजना के पहले भाग के अंतर्गत 500 शहरों को शामिल किया जाएगा। इन शहरों में पहाड़ी राज्यों, द्वीपों और पर्यटन स्थलों के 10 शहर को शामिल किया जाएगा, जिनमें किसी राज्य में एक से ज्यादा शहर नहीं हो सकता है। इस योजना को 360 करोड़ रुपये की लागत के साथ चार वर्षों के लिए 2022-23 से 2025-26 तक के लिए लागू किया गया है।