प्रदेश में सरकारी मेडिकल कालेजों के लिए आयुष्मान योजना में मरीजों के उपचार का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने दून मेडिकल कॉलेज सभागार में आयुष्मान योजना की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दून मेडिकल कालेज को प्रति वर्ष 25 हजार, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को 20 हजार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को 10 हजार और अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को 5 हजार आयुष्मान मरीजों के उपचार का लक्ष्य दिया गया है। सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में मरीजों को पूरा ईलाज देने और ईलाज संभव न होने की स्थिति में ही अन्यत्र रेफर करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान योजना का अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचे, इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से संबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में आयुष्मान मित्र की तैनाती की गई है। प्रत्येक दस मरीजों पर तैनात आयुष्मान मित्र मरीजों के दस्तावेज, आयुष्मान कार्ड, बिल वाउचर बनाने से लेकर बिल भुगतान तक की प्रक्रिया पूरी कराएगा। प्राधिकरण इसके एवज में आयुष्मान मित्रों को प्रति मरीज के हिसाब से भुगतान करेगा। इस बीच, स्वास्थ्य महानिदेशालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी सीएमओ को आईआईएम काशीपुर में तीन दिवसीय प्रबंधन संबंधी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर एनएचएम की तमाम योजनाओं में आवंटित धनराशि समय पर खर्च न होने की स्थिति में संबंधित जनपद में तैनात जिला परियोजना अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सीएमओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
