चीन में भारतीय दूतावास ने चीन में चिकित्सा पाठ्यक्रमों के प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों के संबंध में विस्तृत परामर्श जारी किया है। दूतावास ने ढाई साल के बाद पढाई पूरी करने के लिए चीन लौटने की प्रतीक्षा कर रहे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के संदर्भ में ये परामर्श जारी किए हैं।
चीन में भारत के दूतावास ने कहा है कि चीन में स्नातकचिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक भारतीय विद्यार्थियों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में बैठने से पहले चीन में डॉक्टरी करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। कल जारी परामर्श में भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया कि भारतीय विद्यार्थियों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा–नीट भी पास करनी होगी।
चीन के विश्वविद्यालयों में पंजीकृत 20 हजार से अधिक छात्र कोविड प्रतिबंधों और चीन के लिए भारत से सीधी उड़ान न होने की वजह से ढाई साल से अधिक समय के बाद चीन लौटने का इंतजार कर रहे हैं। चीन ने वीजा देना शुरू कर दिया है लेकिन सीधी उड़ान न होने के वजह से अन्य मार्गों से चीन की यात्रा करना उनके लिए बहुत महंगा पड़ रहा है। भारतीय दूतावास की वेबसाइट और ट्वीटर हैंडल @EOIBeijing पर परामर्श का विस्तृत ब्यौरा देखा जा सकता है।
