राज्यपाल ने ‘‘प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण में संतों का योगदान’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में अंहिसा विश्व भारती द्वारा ‘‘प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण में संतों का योगदान’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया और अंहिसा विश्व भारती की ‘‘एंबेसडर ऑफ पीस’’ पुस्तक और विश्व शांति केन्द्र की विवरणिका का अनावरण भी किया।

उन्होंने कहा की भारत में प्रकृति और संस्कृति का समन्वय है और यह समन्वय भारत की महान संत परम्परा के कारण ही है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति की सदैव पूजा की जाती है। महान महापुरूषों ने प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया है जिसे हमें आत्मसात करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा की हमें प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की जिम्मेदारी लेनी होगी। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए प्रकृति संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है इसके लिए जन चेतना होना आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में अंहिसा विश्व भारती व विश्व शांति केन्द्र के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश जी के 40वें दीक्षा दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में योगगुरू स्वामी रामदेव जी, स्वामी चिदानंद मुनि जी, आचार्य डॉ लोकेश जी , महामण्डलेश्वर स्वामी अद्वैतानंद जी सहित कई गणमान्य लोगों ने प्रतिभाग किया।

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