मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के तीसरे और अंतिम दिन राज्य में खेती-बागवानी, वन समेत कई मुद्दों पर बात की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में खेती एवं बागवानी को जंगली जानवरों से काफी नुकसान पहुंच रहा है। जिससे लोगों की खेती और बागवानी में रुचि कम हो गई है। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है। इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए संबंधित विभागों को भी वन विभाग के साथ तालमेल बनाकर काम करना होगा। वन विभाग, कृषि विभाग और उद्यान विभाग मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ना होगा। इसके लिये वनों के माध्यम से उनकी आजीविका को बढ़ाने के प्रयास करने हैं। वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आइटीआई में बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण मिले, इसके लिए आइटीआई में आवश्यक संसाधनों और मैनपावर को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। भविष्य की आवश्यकताओं के हिसाब से कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। योग के क्षेत्र में भी राज्य में और तेजी से कार्य हो। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि उनका उत्तराखंड से काफी समय से लगाव रहा है। राज्य के समग्र विकास के लिए हो रहे इस चिंतन शिविर के आने वाले समय में राज्य को अच्छे परिणाम मिलेंगे। नीति आयोग द्वारा राज्य को हर संभव सहयोग दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे।
