राज्यपाल ने 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया

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देहरादून l राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि) ने 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए विजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान किया। इस प्रतियोगिता में देश के राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के खिलाडियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रेसकोर्स पुलिस लाइन में आयोजित तीरंदाजी प्रतियोगिता के समापन समारोह में राज्यपाल ने पुरुष वर्ग की विजेता रही आईटीबीपी की टीम और महिला वर्ग में विजेता रही बीएसएफ की टीम को ट्राफी प्रदान की। इस प्रतियोगिता में राजस्थान पुलिस के रजत चौहान और आइटीबीपी के तुषार शिल्के पुरूष वर्ग में संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज रहे। महिला वर्ग में बीएसएफ की टुटु मोनी बोरो प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज रहीं, जिन्हें राज्यपाल ने मेडल देकर पुरस्कृत किया।

                         समापन समारोह में राज्यपाल ने विजेता टीम के खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उत्तराखण्ड में सभी खिलाड़ियों का स्वागत किया। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि पहली बार यहाँ अखिल भारतीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसमें राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रर्दशन किया। राज्यपाल ने कहा कि तीरंदाजी को भारतीय संस्कृति में धर्नुविद्या के नाम से जाना जाता रहा है और इसका उद्गम भी भारत की धरती से हुआ है।

                         उन्होंने कहा कि तीरंदाजी एक महान प्राचीन भारतीय कला है इस खेल में योजना, एकाग्रता, अभ्यास और दृढ़ ईच्छाशक्ति की जरुरत होती है। यही गुण किसी व्यक्ति को सफलता के लिए चाहिए होते हैं। इसलिए तीरंदाजी में सफलता का मतलब है जीवन में सफलता। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी बुद्धि और कौशल का खेल है, यह एकाग्रता और अभ्यास का भी खेल है। पुलिस और सैन्य कार्यों में तीरंदाजी का महत्वपूर्ण स्थान है।
                          राज्यपाल ने कहा कि खेलों का मुख्य लक्ष्य अपनी कला का प्रदर्शन और अपनी कौशल का विकसित करना होता है। उन्होंने कहा कि खेलों से जहां शारीरिक विकास होता है वहीं व्यक्तित्व के विकास में भी खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे खिलाड़ी विश्व में भारत का परचम लहरा रहे हैं। हर खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी पहचान बनायी है जो इन खिलाड़ियों की बदौलत आने वाले समय में और भी मजबूत होगी। राज्यपाल ने कहा कि तीरंदाजी में भी भारत के महान खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि भारत की एक प्राचीन युद्ध कला और महत्वपूर्ण विद्या को जीवंत बनाना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नयी खेल नीति लागू की गयी है जिसमें खिलाडियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है।
                           राज्यपाल ने उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए आयोजक मंडल को बधाई दी।

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