मध्य प्रदेश अब ड्रोन के इस्तेमाल में नम्बर वन स्टेट बनने के लिए अथक प्रयास करेगा। यह बात राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही है। उन्होंने इस संबंध में कहा कि ”आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश” बनाने के लिए सरकार सभी दिशाओं में काम कर रही है। इस दिशा में प्रदेश में ड्रोन तकनीक को भी प्रमुखता से अपनाया गया है। हम मध्य प्रदेश को ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में नम्बर वन राज्य बनाएंगे।
प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान गुरुवार शाम को ग्वालियर में प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एमआईटीएस) में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल और एमआईटीएस के नवनिर्मित बॉयज हॉस्टल का उद्घाटन किया।
मध्य प्रदेश में खुलने जा रहे पांच ड्रोन स्कूल
मध्य प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खुलने जा रहे हैं। इनमें से गुरुवार को पहले स्कूल का शुभारंभ ग्वालियर में हो गया है। प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप नीति बनाई है, जिसके तहत युवाओं के नवाचारों को धरातल पर लाने में सरकार भरपूर आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया कराएगी। इंदौर के विद्यार्थियों ने नए–नए स्टार्टअप शुरू कर 800 से लेकर एक हजार करोड़ तक की कंपनियां विकसित कर ली हैं। सरकार की स्टार्टअप नीति का लाभ उठाकर ग्वालियर के युवा भी नए-नए स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं। हमारा संकल्प है कि प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।
ड्रोन कृषि नीति का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें युवा
देश में कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। निकट भविष्य में इस तकनीक के इस्तेमाल से क्रांतिकारी प्रगति सामने आएगी। भारत सरकार के कृषि विभाग ने ड्रोन नीति जारी कर दी है, जिसके तहत 12वीं पास बच्चे 4 लाख रुपए तक का अनुदान प्राप्त कर ड्रोन पायलट के रूप में अच्छा रोजगार पा सकते हैं। इसी तरह यदि कृषि स्नातक ड्रोन तकनीक की कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो वह पांच लाख तक का अनुदान पा सकते हैं। इसके अलावा संस्थान भी कृषि की ड्रोन नीति के तहत 100 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मकान का मालिकाना हक दिलाने में ड्रोन तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी तरह टिड्डी दल के आक्रमण को असफल करने में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हुई है।
ड्रोन स्कूलों के जरिए सालभर में तैयार होंगे ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत किसी भी देश का फोलोअर नहीं लीडर बने। इसी संकल्पना को साकार करने के लिए ड्रोन को गांव-गांव व घर-घर में पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 11 दिसम्बर को प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी। खुशी की बात है कि मात्र 90 दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरा करने के बाद आज ग्वालियर में पहला ड्रोन स्कूल शुरू हो गया है।
साल भर में लगभग 500 युवा ड्रोन पायलट होंगे तैयार
इस ड्रोन स्कूल में हर माह 40 से 50 बच्चों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रकार साल भर में लगभग 500 युवा ड्रोन पायलट तैयार होंगे। ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त युवा हर माह औसतन 30 हजार रुपए की आय आसानी से अर्जित कर पाएंगे। मध्यप्रदेश के पांचों ड्रोन स्कूल शुरू होने पर साल भर में लगभग ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश वर्तमान में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में देशभर के अग्रणी राज्यों में से एक है।