प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र देशों के समूह बिम्सटेक के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने पांचवी बिम्सटेक मौसम और जलवायु केंद्र के साथ-साथ बिम्सटेक सचिवालय के ऑपरेशनल बजट के लिए क्रमशः 30 लाख और 10 लाख डॉलर के योगदान की घोषणा की।
सभी कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों को झेल रहे
पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का यह 25वां वर्ष है, इसलिए समिट को महत्वपूर्ण है। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है, उसके लिए मैं उनका अभिनन्दन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।
यूरोप घटनाक्रम ने खड़े किए कई सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताहों के यूरोप के घटनाक्रम से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता देना भी अनिवार्य हो गया है। आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है। एक संस्थागत संरचना की ओर हमारे प्रयासों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। चार्टर में हमने हर दो सालों में समिट बैठक और सालाना विदेश मंत्रियों की बैठक का निर्णय लिया है।
बिम्सटेक सचिवालय के लिए एक मिलियन डॉलर
बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत, चिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।
बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक
पीएम ने कोरोना महामारी की चुनौती और यूक्रेन घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्ट-अप के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ, हमें ट्रेड फैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। इससे इंट्रा-बिम्सटेक trade और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
मौसम और जलवायु केंद्र को 3 मिलियन डॉलर का योगदान
पीएम ने प्राकृतिक आपदाओं का खतरे से निपटने को लेकर कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट, विशेषकर डिजास्टर रिस्क आपदा जोखिम में कमी पर सहयोग के लिए, बिम्सटेक मौसम और जलवायु केंद्र एक महत्त्वपूर्ण संस्था है और इसे सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूंगा। इस केंद्र के कार्य को पुनः शुरू करने के लिए भारत 3 मिलियन डॉलर का योगदान करने को तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हाल में तीसरी बिम्सटेक डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सरसाइज ”पैनेक्स-21” आयोजित की। इस तरह की एक्सरसाइज नियमित रूप से होनी चाहिए। ताकि हमारे अधिकारियों के बीच डिजास्टर के समय साथ काम करने की व्यवस्था मजबूत हो।
बिम्सटेक स्कॉलरशिप योजना का विस्तार
पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली बिम्सटेक स्कॉलरशिप योजना का विस्तार करने और उसका दायरा बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम बंगाल की खाड़ी को केंद्र में रखते हुए समुद्री विज्ञान पर संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने का भी प्रयत्न कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र सभी बिम्सटेक देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है। हमारे बीच वैल्यू एडेड कृषि प्रोडक्ट की रिजनल वैल्यू चेन बनाने की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए हमने भारत के एक संस्थान-RIS – को व्यापक अध्ययन करने का कार्य दिया है।
आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि’ पर हस्ताक्षर
सुरक्षा के बिना हमारे क्षेत्र की समृद्धि या विकास सुनिश्चित करना असंभव है। हमने अपनी कानून स्थापित करने वाली एजेंसीज के बीच सहयोग बढ़ाने का भी फैसला किया था। मुझे खुशी है कि हमारा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कन्वेंशन पिछले साल से सक्रिय हो गया है। आज की समिट के दौरान हमारे बीच ‘आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि’ पर भी हस्ताक्षर हो रहे हैं। इसी तरह के अन्य उपकरणों पर भी हमें तेजी से आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हमारी बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाना कानूनी व्यवस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय बन सके।
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा- बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि, सुरक्षा का सेतु बनाना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र देशों के समूह बिम्सटेक के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने पांचवी बिम्सटेक मौसम और जलवायु केंद्र के साथ-साथ बिम्सटेक सचिवालय के ऑपरेशनल बजट के लिए क्रमशः 30 लाख और 10 लाख डॉलर के योगदान की घोषणा की।
सभी कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों को झेल रहे
पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का यह 25वां वर्ष है, इसलिए समिट को महत्वपूर्ण है। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है, उसके लिए मैं उनका अभिनन्दन करता हूं। आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हम अभी भी कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।
यूरोप घटनाक्रम ने खड़े किए कई सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताहों के यूरोप के घटनाक्रम से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता देना भी अनिवार्य हो गया है। आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है। एक संस्थागत संरचना की ओर हमारे प्रयासों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। चार्टर में हमने हर दो सालों में समिट बैठक और सालाना विदेश मंत्रियों की बैठक का निर्णय लिया है।
बिम्सटेक सचिवालय के लिए एक मिलियन डॉलर
बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत, चिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।
बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक
पीएम ने कोरोना महामारी की चुनौती और यूक्रेन घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्ट-अप के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ, हमें ट्रेड फैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। इससे इंट्रा-बिम्सटेक trade और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
मौसम और जलवायु केंद्र को 3 मिलियन डॉलर का योगदान
पीएम ने प्राकृतिक आपदाओं का खतरे से निपटने को लेकर कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट, विशेषकर डिजास्टर रिस्क आपदा जोखिम में कमी पर सहयोग के लिए, बिम्सटेक मौसम और जलवायु केंद्र एक महत्त्वपूर्ण संस्था है और इसे सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूंगा। इस केंद्र के कार्य को पुनः शुरू करने के लिए भारत 3 मिलियन डॉलर का योगदान करने को तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हाल में तीसरी बिम्सटेक डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सरसाइज ”पैनेक्स-21” आयोजित की। इस तरह की एक्सरसाइज नियमित रूप से होनी चाहिए। ताकि हमारे अधिकारियों के बीच डिजास्टर के समय साथ काम करने की व्यवस्था मजबूत हो।
बिम्सटेक स्कॉलरशिप योजना का विस्तार
पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली बिम्सटेक स्कॉलरशिप योजना का विस्तार करने और उसका दायरा बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम बंगाल की खाड़ी को केंद्र में रखते हुए समुद्री विज्ञान पर संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने का भी प्रयत्न कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र सभी बिम्सटेक देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है। हमारे बीच वैल्यू एडेड कृषि प्रोडक्ट की रिजनल वैल्यू चेन बनाने की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके लिए हमने भारत के एक संस्थान-RIS – को व्यापक अध्ययन करने का कार्य दिया है।
आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि’ पर हस्ताक्षर
सुरक्षा के बिना हमारे क्षेत्र की समृद्धि या विकास सुनिश्चित करना असंभव है। हमने अपनी कानून स्थापित करने वाली एजेंसीज के बीच सहयोग बढ़ाने का भी फैसला किया था। मुझे खुशी है कि हमारा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कन्वेंशन पिछले साल से सक्रिय हो गया है। आज की समिट के दौरान हमारे बीच ‘आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि’ पर भी हस्ताक्षर हो रहे हैं। इसी तरह के अन्य उपकरणों पर भी हमें तेजी से आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हमारी बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाना कानूनी व्यवस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय बन सके।