केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना को कुल वित्तीय परिव्यय 5,911 करोड़ रुपए के साथ चार साल बढ़ाने का फैसला किया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में अभियान को 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने को मंजूरी दी है।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चलने वाले अभियान में 5,911 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें केन्द्र 3,700 करोड़ और राज्य 2,211 करोड़ रुपए वहन करेंगे।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के बजट में 60 प्रतिशत की वृद्धि
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के बजट में 60 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रौद्योगिकी का उपयोग कर क्षमता निर्माण बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत 1.65 लाख और लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2.78 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को मिलेगी मदद
उन्होंने बताया कि अभियान से 2.78 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा। इससे पारदर्शिता और सेवा प्रदान करने के लक्ष्य प्राप्त होंगे।
3 वर्षों में केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता
बता दें आरजीएसए के तहत पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 1508.728 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। वहीं आरजीएसए की योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों के दौरान 37,516 पंचायतों के लिए कंप्यूटर और बाह्य उपकरणों को भी मंजूरी दी गई है।
वर्ष 2018 राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की हुई शुरुआत
केंद्र प्रायोजित योजना ”राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान” (आरजीएसए) की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई। “ग्राम स्वराज अभियान- सबका साथ, सबका गांव, सबका विकास कार्यक्रम” का उद्देश्य सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देना, गरीब परिवारों तक पहुंच कायम करना और केंद्र सरकार की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों से वंचित रह गए सभी लोगों को इनके दायरे में लाकर लाभान्वित करना है।
21,058 गांवों के लिए विशेष पहल है ”राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान”
ग्राम स्वराज अभियान के दौरान 21058 गांवों के लिए विशेष पहल शुरू की गई। इस अभियान के अंतर्गत गरीब समर्थक पहलों में जैसे उज्ज्वला योजना, मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना, उजाला, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ वंचितों तक पहुंचाया गया।