नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि भारत को 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने की महत्वाकांक्षा रखनी चाहिए और इसके लिए साल दर साल निरंतर आर्थिक विकास की जरूरत होगी।
निजी क्षेत्र की शक्ति का उपयोग कर विकसित हो सकता है देश
उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि अगर भारत अपने निजी क्षेत्र की शक्ति का उपयोग करेगा तो देश विकसित होगा। ज्ञात हो पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते कुछ साल में देश में निजी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। इनमें ”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” के माध्यम से सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें मौके प्रदान कर रही है। यहां तक कि उभरते स्टार्टअप्स को वित्तिय सहायता तक मुहैया कराई जा रही है।
देश को साल दर साल निरंतर विकास की जरूरत
नीति आयोग CEO अमिताभ कांत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “हमारी महत्वाकांक्षा 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने की होनी चाहिए और इसके लिए साल दर साल निरंतर विकास की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि 1947 में दक्षिण कोरिया, चीन और भारत की प्रति व्यक्ति आय कमोबेश बराबर होगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति आय भारत से 7 गुना है।
भारत उच्च दर से नहीं बढ़ेगा तो क्या होगा
इस बात पर ध्यान खींचते हुए कि चीन और दक्षिण कोरिया ने साल दर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, नीति आयोग सीईओ ने कहा, “अगर भारत उच्च दर से नहीं बढ़ेगा तो यह कम आय वाले विकास परिदृश्य में फंस जाएगा।” नीति आयोग के सीईओ ने अफसोस जताया कि नौकरशाहों ने व्यवसायों के विकास को मुश्किल बना दिया है।
नौकरशाहों को सीखनी चाहिए डी-रिस्क परियोजनाओं के पुनर्गठन की कला
उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं और डी-रिस्क परियोजनाओं के पुनर्गठन की कला सीखनी चाहिए तथा निजी क्षेत्र से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले तीन अप्रैल को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक बड़े आर्थिक पुनरुद्धार के ‘मुहाने’ पर है और पिछले सात साल के दौरान सरकार द्वारा किए गए उपायों से एक मजबूत आर्थिक बुनियाद रखी गई है।
आगामी वर्षों में अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए रखी जा रही मजबूत बुनियाद
नीति आयोग CEO अमिताभ कांत ने तब कहा था कि भारत 2022-23 में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि आगामी वर्षों में अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए एक मजबूत बुनियाद रखी जा रही है।