पर्यावरण संरक्षण के साथ ही देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाओं पर काम रही है। इसी के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्गमंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार की वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी से प्रदूषण में कमी आएगी। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कम लागत के साथ उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। केंद्र सरकार की योजना देश के हर जिले में दो से तीन स्क्रैपिंग सेंटर खोलने की है। कई राज्यों में सेंटर खुलने भी लगे हैं।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में करोड़ों रोजगार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस नीति से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कॉपर, स्टील, एल्युमिनियम, रबड़ और प्लास्टिक आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। देश में ऑटोमोबाइल का एक बड़ा क्षेत्र है, जिसमें करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। 2024 के अंत तक इस नई वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होगें तथा पर्यावरण को शुद्ध बनाने में भी यह पॉलिसी महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी
उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषित हवा से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। पुराने वाहनों में पुरानी तकनीक के प्रयोग की वजह से अधिक प्रदूषण फैलता है। नए वाहनों में प्रदूषण की मात्रा कम है। इसीलिए इस नीति को देश में अपनाए जाने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी सेंटर में पुराने वाहनों को नष्ट करने पर नए वाहन खरीदने में कई तरह की छूट दी जाएगी। इस पॉलिसी से देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ेगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बाजार की पहचान बनेगी।
क्या है स्क्रैपिंग पॉलिसी
दरअसल, स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत एक तय समय के बाद वाहनों का फिटनेस टेस्ट लिया जाएगा। इसके लिए स्क्रैपिंग सेंटर जाना होगा। फिटनेस संबंधी मानक पूरे होने पर वाहन का री-रजिस्ट्रेशन होगा। री-रजिस्ट्रेशन के हर 5 साल बाद व्हीकल का टेस्ट होगा। इस बीच अगर कोई वाहन मालिक व्हीकल की रिसाइकलिंग कराना चाहते हैं, उन्हें नए वाहन खरीदने पर छूट देने का प्रावधान है।
इस योजना से जहां काले धुंए छोड़ते गाड़ियों से ध्वनी और वायु प्रदूषण कम होगा, वहीं स्क्रैपिंग के लिए नए सेंटर खुलेंगे और रोजगार सृजन होंगे।