बीते 8 साल में प्रधानमंत्री की जगह स्वयं को प्रधान-सेवक के रूप में देखा : PM मोदी

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पीएम मोदी ने मंगलवार को शिमला के रिज मैदान से 130 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार बताते हुए प्रत्येक देशवासी के सम्मान, सुरक्षा, समृद्धि, सुख-शांति और कल्याण के संकल्प को दोहराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 8 साल में मैंने एक बार भी खुद को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखा। जब मैं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता हूं तो मेरे पास पीएम की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जैसे ही फाइल चली जाती है, तो मैं सिर्फ 130 करोड़ लोगों का प्रधान सेवक रह जाता हूं, जो मेरे जीवन में सबकुछ है।

सरकार के 8 साल पूरे

ज्ञात हो, पीएम मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि राजग के नेतृत्व वाली सरकार के आठ साल पूरे होने पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ को संबोधित कर अपनी बात रख रहे थे। पीएम मोदी ने शुरुआत में कहा, ”आज मेरे जीवन में एक विशेष दिवस भी है और उस विशेष दिवस पर इस देवभूमि को प्रणाम करने का मौका मिले, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। आप इतनी बड़ी तादाद में हमें आशीर्वाद देने आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।”

PM बोले- सरकार के 8 वर्ष पूरे होने पर फिर दोहराउंगा अपना संकल्प

पीएम मोदी ने कहा, जब हमारी सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है, तो मैं अपना संकल्प फिर दोहराउंगा। हर भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, हर भारतवासी की समृद्धि के लिए, सुख-शांति और कल्याण के लिए जितना काम कर सकूं, उसे करता रहूंगा।

2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का मान लिया था जरूरी हिस्सा

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी। तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है। पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा कि पहले इलाज के लिए पैसे जुटाने की बेबसी थी। आज हर गरीब को आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले ट्रिपल तलाक का डर था, अब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का हौसला है।

देश के करोड़ों किसानों को पैसा किया ट्रांसफर 

पीएम मोदी ने कहा, अभी देश के करोड़ों करोड़ किसानों को उनके खाते में पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर हो गया, पैसा उनको मिल भी गया। आज मुझे शिमला की धरती से देश के 10 करोड़ से भी ज्यादा किसानों के खाते में पैसे पहुंचाने का सौभाग्य मिला है। वे किसान भी शिमला को याद करेंगे, हिमाचल को याद करेंगे, इस देवभूमि को याद करेंगे। मैं इन सभी किसान भाइयों और बहनों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं और अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

यह कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान का

पीएम मोदी ने कहा, यह कार्यक्रम शिमला में है, लेकिन एक प्रकार से यह कार्यक्रम आज पूरे हिंदुस्तान का है। हमारे यहां चर्चा चल रही थी कि सरकार के 8 साल होने पर कैसे कार्यक्रम किए जाएं, कौन से कार्यक्रम किए जाए, तो नड्डा जी और जयराम जी की तरफ से सुझाव आए और दोनों सुझाव मुझे बहुत अच्छे लगे। कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता और पिता दोनों खो दिया, ऐसे बच्चों का जिम्मा संभालने का अवसर मुझे मिला। देश के उन हजारों बच्चों की देखभाल का निर्णय सरकार ने किया और कल मैंने उन्हें कुछ पैसे भी भेज दिए।

8 साल की पूर्ति में ऐसा कार्यक्रम मन को देता है सुकून

पीएम मोदी ने कहा, आठ साल की पूर्ति में ऐसा कार्यक्रम होना मन को बहुत सुकून देता है, आनंद देता है। मेरे सामने सुझाव आया कि हम एक कार्यक्रम हिमाचल में करें तो मैंने आंख बंद करके हां कह दिया क्योंकि मेरे जीवन में हिमाचल का स्थान इतना बड़ा है और खुशी के पल अगर हिमाचल में आकर बिताने का मौका मिले तो फिर तो बात ही क्या बनती है। आज इसलिए मैंने कहा कि आठ साल की पूर्ति होने पर देश का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम आज शिमला की धरती पर हो रहा है जो कभी मेरे लिए कर्मभूमि रही, मेरे लिए जो देवभूमि है, मेरे लिए जो पुण्य भूमि है, वहां से मुझे आज देशवासियों को इस देवभूमि से बात करने का मौका मिले, यह अपने आप में मेरे लिए खुशी अनेक गुना बढ़ा देने वाला है|

130 करोड़ भारतीयों के सेवक के तौर पर काम करने का मिला अवसर

पीएम मोदी ने कहा, 130 करोड़ भारतीयों के सेवक के तौर पर काम करने का मुझे आप सबने जो अवसर दिया, मुझे जो सौभाग्य मिला, सभी भारतीयों का जो विश्वास मुझे मिला, अगर आज मैं कुछ कर पाता हूं, दिन रात दौड़ पाता हूं तो ये मत सोचिए कि मोदी करता है, ये मत सोचिए कि मोदी दौड़ता है, ये सब तो 130 करोड़ देशवासियों की कृपा से, आशीर्वाद से हो रहा है, उनकी बदौलत हो रहा है, उनकी ताकत से हो रहा है। परिवार के एक सदस्य के तौर पर मैंने कभी भी अपने आपको उस पद पर देखा नहीं, कल्पना भी नहीं की है और आज भी नहीं कर रहा हूं कि मैं कोई प्रधानमंत्री हूं। जब फाइल पर साइन करता हूं, एक जिम्मेवारी होती है, तब-तब प्रधानमंत्री के रूप में मुझे काम करना होता है, लेकिन उसके बाद फाइल जैसे ही चली जाती है, मैं प्रधानमंत्री नहीं रहता हूं। मैं सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों के परिवार का सदस्य बन जाता हूं। आप ही के परिवार के सदस्य के रूप में, एक प्रधान सेवक के रूप में जहां भी रहता हूं, काम करता रहता हूं और आगे भी एक परिवार के सदस्य के नाते, परिवार की आशाओं और आकांक्षाओं से जुड़ना, 130 करोड़ देशवासियों का परिवार यही सबकुछ है मेरी जिंदगी में, आप ही हैं सब कुछ मेरी जिंदगी में और ये जिंदगी भी आप ही के लिए है।

संकल्प को बार-बार स्मरण करते रहना चाहिए

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब हमारी सरकार अपने 8 वर्ष पूरे कर रही है तो आज मैं फिर से, इस देवभूमि से मेरा संकल्प भी दोहराउंगा क्योंकि संकल्प को बार-बार स्मरण करते रहना चाहिए। मेरा संकल्प था, आज है और आगे भी रहेगा। जिस संकल्प के लिए जियूंगा, जिस संकल्प के लिए जूझता रहूंगा, जिस संकल्प के लिए आप सबके साथ चलता रहूंगा और इसलिए मेरा यह संकल्प है, भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, समृद्धि कैसे बढ़े, सुख शांति की जिंदगी कैसे मिले उसी एक भाव से गरीब से गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित दूर-सुदूर जंगलों में रहने वाले लोग, पहाड़ी की चोटियों पर रहने वाले एक दो परिवार हो, हर किसी का कल्याण करने के लिए जितना ज्यादा काम कर सकता हूं, उसको करता रहूं, इसी भाव को लेकर मैं आज फिर से एक बार इस देवभूमि से अपने आपको संकल्पित करता हूं।

बड़े लक्ष्यों की तरफ बढ़ते हुए शुरुआत कहां से की ये देखना भी जरूरी

पीएम मोदी ने कहा हम सभी मिलकर भारत को उस ऊंचाई तक पहुंचाएंगे, जहां पहुंचने का सपना, आजादी के लिए मर-मिट जाने वालों ने देखा था। आजादी के इस अमृत महोत्सव में भारत के बहुत उज्जवल भविष्य के विश्वास के साथ भारत की युवा शक्ति, भारत की नारी शक्ति उस पर पूरा भरोसा रखते हुए मैं आज आपके बीच आया हूं। जीवन में जब हम बड़े लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ते हैं तो कई बार यह देखने की भी जरूरत पड़ती है कि हम चले कहां से थे, शुरुआत कहां से की थी और जब उसको याद करते हैं तभी तो हिसाब-किताब का पता चलता है कि कहां से निकले और कहां पहुंचे, हमारी गति कैसी रही, हमारी प्रगति कैसी रही, हमारी उपलब्धियां कैसी रही हैं।

देश ने बहुत लंबा सफर किया तय

उन्होंने यह भी कहा कि, हम अगर 2014 से पहले के दिनों को याद करें और आज की परिस्थितियों को देखें तो पता चलेगा देश ने बहुत लंबा सफर तय किया है। उन दिनों को भूलना मत तब जाकर के ही आज के दिवसों का मूल्य समझ में आएगा। साल 2014 से अखबार की सुर्खियां भरी रही थी, हेडलाइन बनी रहती थी, टीवी पर चर्चा होती रहती थी। बात होती थी तो केवल लूट-खसोट, भ्रष्टाचार, घोटाले और भाई-भतीजावाद, अफसरशाही की। बात होती थी अटकी, लटकी, भटकी योजनाओं की लेकिन वक्त बदल चुका। आज चर्चा होती है तो योजनाओं से होने वाले लाभ की। आखिरी घर तक पहुंचने का प्रयास होता है, गरीबों के हक का पैसा सीधा उनके खातों में पहुंचने की बात होती है। आज दुनिया में भारत के स्टार्टअप की बात होती है। वर्ल्ड बैंक भी चर्चा करता है, भारत के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की। आज हिंदुस्तान के निर्दोष नागरिक चर्चा करते हैं अपराधियों पर नकेल कसने की हमारी ताकत की। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के साथ आगे बढ़ने की।

2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा माना

पीएम मोदी ने कहा, 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है। पहले इलाज के लिए पैसे जुटाने की बेबसी थी, आज हर गरीब को आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले ट्रिपल तलाक का डर था, अब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का हौसला है।

हमारी योजनाओं ने लोगों के लिए सरकार के मायने ही बदल दिए

पीएम मोदी बोले, सेवा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के लिए बनी हमारी योजनाओं ने लोगों के लिए सरकार के मायने ही बदल दिए हैं। अब सरकार माई-बाप नहीं, अब सरकार सेवक है। पीएम आवास योजना हो, स्कॉलरशिप देना हो या फिर पेंशन योजनाएं, टेक्नोलॉजी की मदद से हमने भ्रष्टाचार का स्कोप कम से कम कर दिया है। जिन समस्याओं को पहले Permanent मान लिया गया था, हम उसके Permanent Solution देने का प्रयास कर रहे हैं।

गरीब का जब रोजमर्रा का संघर्ष कम होता है, जब वो सशक्त होता है

गरीब का जब रोजमर्रा का संघर्ष कम होता है, जब वो सशक्त होता है, तब वो अपनी गरीबी दूर करने के लिए नई ऊर्जा के साथ जुट जाता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार पहले दिन से गरीब को सशक्त करने में जुटी। हमने उसके जीवन की एक-एक चिंता को कम करने का प्रयास किया। ये हमारी ही सरकार है जिसने चार दशकों के इंतजार के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया, हमारे पूर्व सैनिकों को एरियर का पैसा दिया। इसका बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के हर परिवार को हुआ है।

हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई

पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई है। अपना-अपना वोट बैंक बनाने की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम वोट बैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने शत प्रतिशत लाभ, शत प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है, लाभार्थियों के सैचुरेशन का प्रण लिया है। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानि भेदभाव खत्म, सिफारिशें खत्म, तुष्टिकरण खत्म। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानि हर गरीब को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ।

आज भारत, मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता, मदद करने को हाथ बढ़ाता है

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 2014 से पहले जब मैं आपके बीच आता था तो कहता था कि भारत दुनिया से आँख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर बात करेगा। आज भारत, मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता, बल्कि मदद करने के लिए हाथ बढ़ाता है। कोरोना काल में भी हमने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां भेजी हैं, वैक्सीन भेजी हैं।

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक

हमें 21वीं सदी के बुलंद भारत के लिए, आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना है। एक ऐसा भारत जिसकी पहचान अभाव नहीं बल्कि आधुनिकता हो। हम भारतवासियों के सामर्थ्य के आगे कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है। आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है, आज भारत रिकॉर्ड एक्सपोर्ट कर रहा है।

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