भारत के कोयला क्षेत्र की हरित पहल, 1 साल में लगाए जाएंगे 50 लाख पौधे

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देश में हो रहे निरंतर विकास कार्यों की वजह से कई जगहों पर पेड़-पौधे काटने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा खनिज संपदा का उपयोग करने के लिए भी हमें जमीनों की खुदाई करना पड़ती है। ऐसे में घटते पेड़ पौधों की संख्या की भरपाई के लिए नए पौधों को लगाना बेहद जरूरी है। इसी दिशा में कोयला मंत्रालय ने एक बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य को निर्धारित करते हुए कोल कंपनियों को वर्ष 2022-23 के दौरान 2,400 हेक्टेयर में ग्रीन कवर बढ़ाने का लक्ष्य दिया है।

बढ़ेगा ग्रीन कवर, लगाए जाएंगे 50 लाख पौधे

कोयला मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सभी कोयला कंपनियां पौधारोपण के माध्यम से ग्रीन कवर को बढ़ाने में सहयोग करेंगी एवं पुनः प्राप्त खनन क्षेत्र और पट्टे से बाहर के क्षेत्र जो पौधारोपण के लिए उपयुक्त हैं और राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया गया है, वहां भी पौधरोपण किया जाए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन क्षेत्रों में कोयला निकाला जा रहा है, उन क्षेत्रों के अलावा उसके आसपास के क्षेत्रों में भी पेड़ पौधे लगाने होंगे ताकि ग्रीन कवर बढ़ सके।

1,000 हेक्टेयर में ग्रीन कवर बढ़ाने का लक्ष्य हासिल

कोयला खनन क्षेत्रों में हरित अभियान पहले से ही जोर-शोर से चलाए जा रहे हैं, 15 अगस्त 2022 तक लगभग 1,000 हेक्टेयर भूमि को बांस रोपण, वन क्षेत्र के बाहर सघन वृक्षारोपण, सड़क के दोनों ओर वृक्षारोपण, घास के मैदान का निर्माण और उच्च तकनीक खेती आदि के माध्यम से कवर किया जा चुका है। कोयला मंत्रालय और कोल कंपनियों के इतर देश में विभिन्न स्तर पर हरित आवरण को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके कुछ निम्न उदाहरण हैं:-

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन के लिए न केवल हवाई जहाज, बल्कि हवाई अड्डे भी जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में एयरपोर्ट्स की भी यह जिम्मेदारी है कि वो अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए कदम उठाए, दिल्ली,मुंबई एयरपोर्ट्स के बाद अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (एसवीपीआईए) ने कार्बन उत्सर्जन को घटाने और हर तरफ हरियाली लाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, एसवीपीआईए ने हवाई अड्डे पर लगभग 20 विभिन्न प्रजातियों के 2,000 से अधिक पेड़ लगाए हैं। एक साल पहले एयरपोर्ट पर लगभग 6,000 पेड़ लगे थे, ऐसे में इस एयरपोर्ट पर अब कुल पेड़ों की संख्या बढ़कर 8,000 पर पहुंच चुकी है।

उत्तर प्रदेश में मेगा वृक्षारोपण

उत्तर प्रदेश में हर साल बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। पिछले कुछ साल सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश में करोड़ों पौधे लगाए जा चुके हैं। इस साल राज्य ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के तहत जुलाई-अगस्त महीने में 35 करोड़ पौधारोपण कर नया रिकॉर्ड बनाया।

लगातार बढ़ रही है कोयले की डिमांड

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कोयला क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति हुई है और घरेलू कोयला उत्पादन 1975 में लगभग 90 मीट्रिक टन से बढ़कर 2020-21 में 716 मीट्रिक हो गया है, जिससे हमारे देश की प्राथमिक ऊर्जा मांग का एक बड़ा हिस्सा पूरा हुआ है।

NDC के निर्धारित लक्ष्यों का हासिल करने में करेगा सहयोग

कोयला मंत्रालय की इस पहल से संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में भारत को अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी। भारत ने 2030 तक अतिरिक्त वन और वृक्ष आवरण के माध्यम से 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में कोयला मंत्रालय की ये पहल बेहद कारगर साबित होने वाली है।

संवेदनशील रहा है कोयला क्षेत्र

कोयला क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में न केवल उत्पादन में तेजी लाने में सक्षम रहा है, बल्कि यह पर्यावरण और समाज के प्रति समान रूप से संवेदनशील रहा है। यह पर्यावरण की देखभाल और होस्ट कम्युनिटी के कल्याण पर जोर देने के साथ कई सतत विकास पहल कर रहा है। इसका उद्देश्य खनन के पर्यावरणीय फुटप्रिंट्स को कम करना है, आस-पास रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ बेहतर पर्यावरण प्रदान करना है। जाहिर है कोयला मंत्रालय की ये पहल सार्थक साबित होगी और देश में हरित कवर बढ़ेगा क्योंकि पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है।

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