प्रगतिशील भारत में शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक स्तर पर तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। हालांकि अभी भी गांव में ग्रामीण जनता अपने अधिकारों के लेकर सजग नहीं है, या यह सही मायनों में कहें तो उनको अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं है। ऐसे में उनके अधिकार सुरक्षित करने की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है। ग्रमीण जनता को उनके संपत्ति का अधिकार देने के साथ ही रिकॉर्ड बना कर सशक्त करने के लिए स्वामित्व योजना चला रही है। SVAMITVA सही मायने में ग्राम स्वराज प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
SVAMITVA का उद्देश्य
SVAMITVA (ग्राम आबादी का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) एक केंद्रीय योजना है, जिसमें एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) इसके भागीदार के रूप में हैं। ये योजना पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई,जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए संपत्ति सत्यापन समाधान देना और उनकी आवासीय संपत्ति के अधिकार के रिकॉर्ड को और सशक्त बनाना है।
योजना में कुछ विशेष पहलुओं को भी शामिल किया गया, जिसमें संपत्ति के मुद्रीकरण की सुगमता, बैंक ऋण की क्षमता, संपत्ति विवाद समाधान प्रमुख है।
SVAMITVA योजना के प्रभाव के व्यापक क्षेत्र
- इंक्लूसिव सोसाइटी – गांवों में सामाजिक-आर्थिक मानकों में सुधार के साथ संपत्ति के अधिकारों तक पहुंच बनाना।
- भूमि शासन – SVAMITVA योजना का स्थानीय स्तर पर विवादों के मूल कारण का समाधान का उद्देश्य लेकर चलती है।
- स्थायी आवास – बेहतर ग्राम पंचायत विकास योजनाओं के लिए उच्च-रिजॉल्यूशन वाले डिजिटल मानचित्र, जिससे धन के कुशल आवंटन और पहुंच में सुधार हो।
- आर्थिक विकास – यह लोगों को अपनी संपत्ति को मुद्रीकृत करने में मदद करता है। यह संपत्ति करों को व्यवस्थित करके आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है।
सर्वेक्षण डेटा संबंधी गतिविधियां, भारतीय सर्वेक्षण प्रणाली से द्वारा प्राप्त की जाती हैं, और संपत्ति कार्ड डेटा को राज्य प्रणालियों के साथ जोड़ा जाता है। केंद्रीय रूप से होस्ट ऑनलाइन पोर्टल, https://svamitva.nic.in/ एक ऑनलाइन डैशबोर्ड है,लजो विभिन्न स्तरों पर SVAMITVA योजना के तहत गतिविधियों की प्रगति की वास्तविक समय की निगरानी और रिपोर्टिंग करने के योग्य बनाता है।