आज देशव्यापी अभियान बाल विवाह मुक्त भारत सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत के अंतर्गत उत्तराखंड प्रदेश में विभिन्न जिलों की आंगनबाड़ी केंद्रों में एवं पंचायतों में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया गया जिसमें बालिकाओं की यौन शोषण बाल विवाह कानून पर चर्चा की गई एवं दीया व कैंडल जलाकर यह प्रतिज्ञा ली गई की आज हम सब एक संकल्प लेते हैं कि हम बाल विवाह नहीं करेंगे वाह हम ऐसी किसी आयोजन में शामिल नहीं होंगे जहां बाल विवाह हो रहा हो और हम यह प्रण करते हैं कि इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करेंगे जिससे हर बच्चा सुरक्षित और शिक्षित हो सके अगर ऐसी कोई भी जानकारी मिलती है तो हम अपने मुखिया सरपंच व पुलिस को सूचित करेंगे कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड पंचायती राज विभाग , कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन ,बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत दिनांक 16 अक्टूबर 2022 को संपूर्ण प्रदेश में आयोजित किया गया
बाल विवाह और बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए भारत में कई कानून होने के बावजूद आज भी हर साल कम से कम 15 लाख बेटियां बाल विवाह का शिकार हो जाती हैं। इनकी शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा को सुनिश्चित करने में बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर जिले में हर साल औसतन बाल विवाह का एक ही केस दर्ज किया जाता है। यह चिंताजनक बात है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी ने लोगों को जागरूक कर बाल विवाह के प्रति उनकी सोच व व्यवहार में बदलाव लाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है। इसी के लिए उन्होंने तीन साल तक चलने वाले ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की शुरुआत की है।
अभियान के तीन मुख्य लक्ष्य हैं
1 . कानून का सख्ती से पालन हो, यह सुनिश्चित करना।
2 . बच्चों की सहभागिता बढ़ाना और उनका सशक्तीकरण करना।
3 . यौन शोषण से बच्चों को सुरक्षा देना।
अभियान का उद्देश्य सामाजिक व्यवहार व सोच में बदलाव लाकर बाल विवाह रूपी अपराध को खत्म करना है। इसकी शुरुआत आज से हो गई है, जिसके तहत 300 से ज्यादा जिलों में लाखों महिलाओं ने मशाल जुलूस निकाला, ताकि बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसमें देशभर के करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।