देशभर में मनाई जा रही श्री गुरु नानक देव जी की 553वीं जयंती, PM मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

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देश में मंगलवार को श्री गुरुनानक देव जी की जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को श्री गुरुनानक देव जी की जयंती पर शुभकामनाएं दी। वहीं श्री गुरुनानक देव जी के 553वें प्रकाश पर्व पर देशभर के कई गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन और प्रभात फेरी भी देखने को मिली।

पीएम ने ट्वीटर पर वीडियो शेयर कर यूं दी शुभकानाएं

पीएम मोदी ने ट्विटर पर श्री गुरुनानक देव जी का एक वीडियो शेयर कर लिखा- ”श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। एक न्यायपूर्ण और करुणामय समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में उनकी महान शिक्षाएं हमारा मार्गदर्शन करती रहें।”

ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁਰਬ ਨੂੰ ਸਮਰਪਿਤ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਇਆ। ਕੁਝ ਝਲਕੀਆਂ ਸਾਂਝੀਆਂ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ… pic.twitter.com/kIrBStW1Ss

— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2022

प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी की शेयर

इसी के साथ ही पीएम मोदी ने प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं। एक फोटो में पीएम मोदी विशेष अरदास करते नजर आ रहे हैं। बता दें, इससे पहले सोमवार को श्री गुरुनानक देव जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के आवास पर आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। शीश नवाकर गुरुदेव की प्रार्थना की।

इस सिख परंपरा में देश भी कर्तव्य-सेवा परंपरा को बढ़ रहा आगे

उल्लेखनीय है कि प्रकाश पर्व का जो बोध हमेशा से सिख परंपरा में रहा है, आज देश भी उसी तन्मयता से कर्तव्य और सेवा परंपरा को आगे बढ़ रहा है। हर प्रकाश पर्व का प्रकाश देश के लिए प्रेरणापुंज का काम करता रहा है। इस दिन अलौकिक आयोजनों के बीच देश भर में सेवा में सहभागिता निभा रहे लोग देखने को मिलते हैं।

इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब को शीश नवाते हैं, कानों से गुरबानी का अमृत पान करते हैं, और लंगर के प्रसाद का आनंद लेते हैं। इससे हर श्रद्धालु को जीवन के संतोष की अनुभूति भी मिलती रहती है और देश के लिए, समाज के लिए समर्पित भाव से निरंतर काम करने की ऊर्जा भी अक्षय बनी रहती है। इस कृपा के लिए गुरु नानक देव जी को जितनी बार भी नमन किया जाए, वो कम ही होगा। ऐसे में श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के पावन अवसर पर आइए जानते हैं आदि गुरु नानकदेव जी के जीवन के बारे में…

सिख धर्म के संस्थापक थे श्री गुरु नानकदेव जी

आदि गुरु नानकदेव जी सिख धर्म के संस्थापक रहे थे। उन्होंने समकालीन सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विसंगतियों, विडंबनाओं, विषमताओं, आडंबरों,कर्मकांडों अंधविश्वासों तथा जातीय अहंकार के विरुद्ध लोक चेतना जागृत करने का अहम कार्य किय। साथ ही तत्कालीन लोदी और मुगल शासकों के बलपूर्वक मतांतरण तथा बर्बर अत्याचारों के विरुद्ध प्रखर राष्ट्रवाद का निर्भीकतापूर्वक क्रांतिकारी शंखनाद किया। उन्होंने विभिन्न उपमाओं, रूपकों, प्रतीकों और संज्ञाओं से परिपूर्ण अमृतवाणी से एक ओंकार सतनाम, आध्यात्मिक पवित्रता ,सामाजिक समरसता, साम्प्रदायिक सद्भाव, कौमी एकत, बंधुता लैंगिक समानता ,नारी सम्मान के साथ ही भेदभाव रहित समतामूलक समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर अपने स्वतंत्र दृष्टिकोण से हिंदू धर्म को संगठित संघर्ष प्रदान किया।

ननकाना साहिब में जन्मे थे श्री गुरु नानक देव जी

श्री गुरुनानक देव जी का जन्म 1469 में लाहौर के पास तलवंडी नामक स्थान में जो अब ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है, हुआ था। इनके पिता पटवारी कालू मेहता और माता का नाम तृप्ता देवी था। वह ईश्वरीय प्रतिभा से संपन्न दिव्यात्मा थे जो ध्यान, भजन, चिंतन, सत्य, अहिंसा, संयम और आध्यात्मिक विषयों में ही अधिक रुचि लेते थे। उनके जीवन की अनेक अलौकिक, असाधारण और चमत्कारिक घटनाएं हैं जो उनकी कर्म, भक्ति और ज्ञान साधना की महानता तथा अनासक्त भाव को प्रकाशित करती हैं।

अपने समय से बहुत आगे भविष्य का रखते थे ज्ञान

कहा जाता है कि पाठशाला में श्री गुरु नानक जी शब्द के साधक बन अपने समय से बहुत आगे भविष्य को पढ़ रहे थे। परा विद्या से अक्षरों की वर्णमाला में उन्हें परमात्मा की एकता और उनके स्वरूप का रहस्य दिखाई देता था। उनकी आध्यात्मिक ऊंचाई को देख उनके गुरु और मुल्ला गुरु भी शिष्य बन गए।

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