वाहन और वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 115 कंपनियों ने आवेदन दाखिल किए हैं। भारी उद्योग मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। गौरतलब हो इस योजना को 23 सितंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। इस योजना के लिए आवेदन नौ जनवरी, 2022 तक खोले गए थे।
कुल 115 कंपनियों ने पीएलआई योजना के तहत किया आवेदन
पीएलआई योजना के तहत आधुनिक वाहन प्रौद्योगिकी उत्पादों (वाहन और कलपुर्जे) के लिए अप्रैल, 2022 से पांच लगातार साल के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। भारी उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कुल 115 कंपनियों ने पीएलआई योजना के तहत आवेदन किया है।’’
25,938 करोड़ रुपए के व्यय के साथ दी गई मंजूरी
क्षेत्र के लिए इस योजना को 25,938 करोड़ रुपए के व्यय के साथ मंजूरी दी गई है। योजना का उद्देश्य इन उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है। बयान में कहा गया है कि इनमें से 83 आवेदन कलपुर्जा ‘चैंपियन’ प्रोत्साहन योजना के तहत मिले हैं।
पीएलआई योजना के दो हिस्से
पीएलआई योजना के दो हिस्से चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और कलपुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना है। चैंपियन ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माता) योजना ‘बिक्री मूल्य से जुड़ी’ योजना है। यह बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन सेल वाहनों के लिए है।
एडवांस्ड कैमिस्ट्री सेल (18,100 करोड़ रुपए) तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के त्वरित अंगीकरण (10,000 करोड़ रुपए) के लिए पहले ही लांच की जा चुकी पीएलआई स्कीम के साथ साथ ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए यह पीएलआई स्कीम (25,938 करोड़ रुपए) भारत को पारंपरिक जीवाश्म आधारित ऑटोमोबाइल परिवहन प्रणाली की तुलना में तेजी से पर्यावरण की दृष्टि से अधिक स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत तथा अधिक सक्षम इलेक्ट्रिक वाहन आधारित प्रणाली की ओर अग्रसर करने में सक्षम बनाएगा।
ऑटोमोबाइल तथा ऑटो कंपोनेंट के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) स्थानीय के साथ साथ वैश्विक स्तर पर मुख्यालय वाले समूहों, जो उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाहनों व उत्पादों के विनिर्माण से जुड़े हैं या प्रस्तावित हैं, से भी प्राप्त आवेदनों की दृष्टि से अत्यधिक सफल रही है।
उद्योग ने एक विश्व स्तरीय विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में फिर से अपना विश्वास जताया है जो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है।