राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि) ने बुधवार को मसूरी रोड़ स्थित पेस्टल वीड कॉलेज में प्रिंसिपल प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (PPSA) द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल एंड टीचर्स के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने वाले शिक्षाविदों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि स्कूलों पर समाज की अपेक्षाएं रहती हैं जिस पर स्कूलों को खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि नए भारत के सपनों को साकार करने के लिए हमारे विद्यालयों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। स्कूल बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा दें और उन्हें नेतृत्व हेतु तैयार करने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने एसोसिएशन द्वारा इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन शिक्षा की गुणवत्ता और उसमें सकारात्मक बदलाव के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय इस कांफ्रेंस के माध्यम से जो सकारात्मक सुझाव प्राप्त होंगे, उनका सही प्रकार से क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव यानी प्रगतिशीलता ही है, जिसने दुनिया को बदला है और एक विकसित समाज का निर्माण किया है। एसोसिएशन अपनी प्रोगेसिव सोच के बल पर शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति ला रहे हैं।
उन्होंने उपस्थित शिक्षाविदों से कहा कि आपकी जिम्मेदारी है कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तर तक पहुंचाएं। अपनी सोच, विचार और धारणा को उस स्तर तक ले जाएं जहां दुनिया भर के लोग अपने बच्चों को भारत के स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक ही है, जो दुनिया को बदलने की ताकत रखता है। आप अपने ज्ञान के बल पर बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर इस युक्ति को चरितार्थ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था सदैव प्रगतिशील रही है। हमारे छात्र व शिक्षक सदैव उच्च स्तर के रहे हैं। दुनिया की असंख्य समस्याओं के निदान खोजने में भारत के जीवन मूल्य पूर्ण रूप से सक्षम हैं। उन्हीं मूल्यों के बल पर अपने स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास किया जाए।
