देश के प्रथम कृषि विश्वविद्यालय एवं हरित क्रांति की जननी पंतनगर में आयोजित 34वे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) द्वारा 2503 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की गयी। उन्होंने दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि पी.एचडी. एक अलग ही लेवल है और आज से 275 उपाधि धारक डाॅक्टर कहलाएंगें। इस क्षण डिग्री एवं मेडल लेने आए विद्यार्थियों में एक अलग ही उत्साह दिखा जोकि बहुत ही अहम है। आज उत्तराखण्ड की बेटियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, यहां तक कि एक परिवार की दो बहनों ने मेडल हासिल किया है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों के माता-पिता और गुरूजनों को हार्दिक बधाई दी और विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे अपने माता-पिता, गुरूजन एवं साथी को न भूलें। दीक्षांत समारोह एक महोत्सव की तरह होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सपने देखिए और संकल्प लिजिए। पंतनगर हरित क्रांति की जननी रहा है और पुनः बीज, कृषि और औद्यानिकी में क्रांति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम यदि पूरी जिम्मेदारी से योगदान करे तो हमें विकसित राष्ट्र और विश्वगुरू होने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि त्रिशूलल की तरह तीन बातों को विद्यार्थी धारण करें, प्रथम आप स्वयं की योग्यता को पहचाने, द्वितीय सोच-विचार एवं धारणा को बहुत उच्चे स्तर पर लें जाएं और तृतीय स्वयं को अनुशासन में बनाएं रखें।
उन्होंने कीर्ति चक्र से सम्मानित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किये जाने पर बहुत हर्ष व्यक्त किया। इस अवसर पर डोभाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय हमारे राष्ट्र के लिए गौरव का एक स्तम्भ चिन्ह है। हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि हमेें यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश की सेवा उस समय की है कि जब हमारे देश में अकाल की स्थिति थी और अन्य देशों से खाद्यान्न का आयात करना पड़ता था। आज हम खाद्यान्न में सक्षम ही नहीं बल्कि अन्य देशों को निर्यात कर रहे हैं।