केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया है। इनमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। पद्म विभूषण भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। बता दें सीडीएस की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ अनमोल शब्द कहे थे जिसके बाद सीडीएस पद अस्तित्व में आया और जनरल बिपिन रावत को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई।
CDS की नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी ने कहे थे ये अनमोल शब्द
याद हो, 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा था “आज पूरे विश्व में अलग-अलग स्तर पर सैन्य व्यवस्थाओं में परिवर्तन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि अब हाथी-घोड़ों पर बैठकर लड़ाई नहीं जीती जाती। आधुनिक युद्ध में जल-थल-नभ यानी हमारी आर्मी, हमारी नेवी और एयरफोर्स को कोऑर्डिनेट तरीके से ही आगे बढ़ना होता है। वर्षों से देश में इस बात पर चर्चा हो रही थी कि तीनों सेनाओं में सिनर्जी बढ़ाने के लिए, कॉर्डिनेशन बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की जाए। लेकिन दुर्भाग्य से इस पर चर्चा ही होती रही, फाइल एक टेबल से दूसरी टेबल तक घूमती रही, किसी ने निर्णय नहीं लिया। सोच वही थी- क्या फायदा, चल ही रहा है न !!! डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का गठन, CDS के पद का गठन, CDS के पद पर नियुक्ति, ये काम भी हमारी ही सरकार ने किया है। उसी युवा सोच के साथ जो कहती है कि अब टालो मत, अब फैसला लो।”
31 दिसंबर 2019 को दी गई थी CDS पद की जिम्मेदारी
जनरल बिपिन रावत को 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस की जिम्मेदारी दी गई थी। सीडीएस का पद दिए जाने से पहले वह थल सेना के 27वें अध्यक्ष थे। सितंबर 2016 को उन्हें सेना का उप प्रमुख बनाया गया था। उन्होंने तीनों सेनाओं की क्षमताएं बढ़ाने में अहम योगदान दिया।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे बिपिन रावत ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला से पढ़ाई की। उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी से गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्ति दी गई थी। यहां पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से भी सम्मानित किया गया था। थल सेनाध्यक्ष जनरल रावत, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र रहे थे। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में फोर्ट लीवनवर्थ में कमांड और जनरल स्टाफ कोर्स में भी भाग लिया था।
त्रि-सेवा मामलों पर रक्षा मंत्री के रहे प्रधान सैन्य सलाहकार
जनरल बिपिन रावत सीडीएस के रूप में सभी त्रि-सेवा मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार रहे। वह सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के भी प्रमुख रहे। संयुक्त योजना और एकीकरण के माध्यम से सेवाओं की खरीद, प्रशिक्षण और संचालन में अधिक तालमेल लाने के लिए आवंटित बजट का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने में सीडीएस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सीडीएस तीनों सेनाओं के लिए समग्र रक्षा अधिग्रहण योजना तैयार करते समय अधिकतम संभव सीमा तक हथियारों और उपकरणों के स्वदेशीकरण की सुविधा प्रदान करता है।
तीनों सेनाओं के बीच अधिक तालमेल बनाने का लिया था संकल्प
जनरल रावत ने तीनों सेनाओं के बीच अधिक तालमेल बनाने के लिए काम करने का संकल्प लिया था और इसे कहीं हद तक सार्थक भी किया। सीडीएस को एकीकरण की सुविधा, सशस्त्र बलों को आवंटित संसाधनों का सर्वोत्तम किफायती उपयोग सुनिश्चित करने और खरीद प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए अनिवार्य है। थल सेना, नौसेना और वायुसेना एक टीम के रूप में काम करेगी और सीडीएस इनके बीच एकीकरण सुनिश्चित करने का काम करता है।