आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आपदाओं और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए चर्चा की गई। बैठक में केन्द्रीय जल आयोग, सिंचाई विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रूड़की के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन घटनाओं के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और भू-स्खलन हो रहा है। इसके चलते जन-धन की क्षति होती है। वहीं, मैदानी क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं, जिससे परिसम्पत्तियों और फसले बर्बाद हो जाती हैं। ऐसे में मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाओं से नुकसान कम करने के लिए बाढ़ चेतावनी की व्यवस्था किए जाने पर जोर दिया गया।
