76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए पीएम मोदी ने जहां पिछले 8 साल में दर्ज की गई उपलब्धियों पर विशेष बल दिया साथ ही भारत के सामने खड़े भ्रष्टाचार और परिवरवाद जैसी समस्याओं पर भी कड़ा प्रहार किया। पिछले आठ साल में सरकार द्वारा किए वायदों और उन पर स-समय अमल करने की प्रवृति के बारे में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही 5जी मोबाइल सेवाओं का आगमन देखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की तकनीक यहां है। गांवों में 5जी, सेमीकंडक्टर निर्माण और ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) के साथ हम डिजिटल इंडिया के माध्यम से जमीनी स्तर पर क्रांति ला रहे हैं।
सरकार की बेहतर कार्य-योजनाओं से भारत ने कई बेहतरीन तकनीकों का स्वदेशी रूप से निर्माण करने में सफलता पाई है। देश में तेज गति के इंटरनेट की मांग को देखते हुए सरकार ने 5जी तकनीक पर तेजी से काम करने का निर्णय लिया। आज इसी तत्परता के परिणाम स्वरूप ही देश को जल्द 5जी सेवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। 5जी तकनीक के विस्तार और इसकी पहुंच आमजनों तक आसानी से पहुंचाने के लगातार चरणबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
5जी का इंतजार खत्म
दरअसल, देश आज डिजिटल क्रांति से ओत-प्रोत है। डिजिटल भारत के निर्माण में केंद्र सरकार का प्रयास अव्वल दर्जे का रहा है। डिजिटल दुनिया से तालमेल रखने में सरकार के प्रयासों से हासिल हुई उपलब्धियों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब हम 5जी के दौर की ओर कदम रख रहे हैं। बहुत दूर इंतजार नहीं करना होगा, हम कदम मिलाने वाले हैं। हम ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव में पहुंचा रहे हैं। डिजिटल इंडिया का सपना गांव से गुजरेगा, ये मुझे पूरी जानकारी है। आज मुझे खुशी है हिन्दुस्तान के चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में विकसित हो रहे हैं। गांव के नौजवान बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं।
1,50,173 करोड़ रुपए की हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी
पीएम मोदी के दूरसंचार सुधारों का परिणाम 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में बखूबी देखा गया। दूरसंचार उद्योग ने भारी दिलचस्पी दिखाते हुए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में बड़ी सफलता हासिल की है। भारत सरकार ने नीलामी के लिए 72,098 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रखा था, जिसमें से 51,236 मेगाहर्ट्ज (कुल का 71 प्रतिशत) 1,50,173 करोड़ रुपए की बोली के साथ बेचा गया है। यह दर्शाता है कि दूरसंचार उद्योग को लेकर सरकार की नीतियां बिल्कुल स्पष्ट और प्रभावी हैं। सदेशी तकनीकों के विस्तार के लिए सरकार द्वारा की जाने वाली कई पहलों में 5जी स्पेक्ट्रम सफलतापूर्वक नीलामी मिल का पत्थर साबित हुई है। स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी और 5जी सेवाएं सितंबर/अक्टूबर तक शुरू होने की संभावना है।
स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड के लिए पहल
5G टेस्टबेड एक स्टार्टअप या उद्योग को उत्पादों को नया करने और तैयार करने की अनुमति देता है, जिनका परीक्षण 5G टेस्ट बेड पर किया जा सकता है। भारत के भीतर 5G पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार बहुत सारे स्टार्टअप और कंपनियों को नए उत्पादों और प्रौद्योगिकी के साथ आने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। हाल ही में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के उद्देश्यों के साथ भारत सरकार ने छह महीनों के लिए भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप और एमएसएमई को स्वदेशी 5 जी टेस्ट बेड का मुफ्त उपयोग करने की पेशकश करने का निर्णय लिया है जो 2023 अन्य सभी हितधारकों के लिए बहुत मामूली दर पर उपलब्ध होगा।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में आया डिजिटल से बड़ा बदलाव
आज के दौर में तकनीकों का समावेश हर जगह देखने को मिलता है। डिजिटल की महत्ता दिनों- दिन बढ़ती ही जा रही है। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि ये जो डिजिटल इंडिया का मूवमेंट है, जो सेमीकंडक्टर की ओर हम कदम बढ़ा रहे हैं, 5जी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क बिछा रहे हैं, ये सिर्फ आधुनिकता की पहचान है, ऐसा नहीं है। तीन बड़ी ताकतें इसके अंदर समाहित हैं। शिक्षा में आमूल-चूल क्रांति- ये डिजिटल माध्यम से आने वाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल-चूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। कृषि जीवन में भी बहुत बड़ा बदलाव डिजिटल से आने वाला है। एक नया विश्व तैयार हो रहा है और भारत उसे बढ़ाने के लिए तैयार है। आईटी की दुनिया में भारत ने अपना एक लोहा मनवा लिया है, ये tecahade का सामर्थ्य भारत के पास है।