डिजिटल इंडिया में अब आयुष से संबंधित तमाम जानकारी भी लोगों तक डिजिटल माध्यम से पहुंचेगी। इसके लिए हाल ही में आयुष ग्रिड परियोजना के तहत आयुष क्षेत्र के डिजिटलीकरण के लिए आयुष मंत्रालय को 3 साल की अवधि के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिल कर काम करेंगे।
आयुष मंत्रालय ने उस डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के एक अहम हिस्से के रूप में ‘आयुष ग्रिड’ परियोजना की परिकल्पना की है, जिसके तहत कार्यकारी कुशलता में व्यापक बदलाव लाने, सेवाएं मुहैया कराने में बेहतरी सुनिश्चित करने और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ‘सूचना एवं प्रौद्योगिकी’ का लाभ उठाया जाता है। आयुष ग्रिड प्लेटफॉर्म को आईटी बैकबोन बनाने की परिकल्पना की गई है, जिसके तहत स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों से संबंधित सभी हितधारकों और कार्यों या सेवाओं का एकीकरण किया जाएगा। उपयोगकर्ताओं के नजरिए से आयुष ग्रिड ही प्रस्तावित केंद्रीय आईटी प्लेटफॉर्म है, जो आयुष के तहत चिकित्सा की सभी प्रणालियों जैसे कि आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी के समस्त कार्यात्मक क्षेत्रों जैसे कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने, शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण, दवा लाइसेंसिंग और मीडिया आउटरीच के साथ मानकीकरण के लिए अनगिनत आईटी सेवाएं प्रदान करता है।
आयुष ग्रिड क्या है
जानकारी के मुताबिक आयुष मंत्रालय सभी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को जोड़कर एक राष्ट्रीय ‘आयुष ग्रिड’ बनाने की दिशा में काम कर रहा है ताकि आयुर्वेद समेत चिकित्सा की सभी परंपरागत प्रणालियों के प्रभावों के बारे में प्रमाण एकत्रित करने के लिए पुराने सभी मामले एक जगह रहें।
डिजिटलीकरण के लिए चल रहे एमओयू को आगे बढ़ाया गया
हाल ही में आयुष ग्रिड परियोजना के तहत आयुष क्षेत्र के डिजिटलीकरण के लिए आयुष मंत्रालय को 3 साल की अवधि के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय और आईटी मंत्रालय के बीच चल रहे एमओयू की अवधि बढ़ाने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यह एमओयू वर्ष 2019 में ही हस्ताक्षर किया गया था। अब हस्ताक्षर किया गया सहमति पत्र पिछले एमओयू की निरंतरता ही दर्शाता है।
कैसे होगा योजना से लाभ
योजना के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य सेवाओं को एक प्लेटफार्म पर लिया जाएगा, जो एक तरह का केंद्रीय आईटी प्लेटफार्म है। एक ही प्लेटफार्म सभी प्रकार के स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा और साथ ही साथ शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण, दवा लाइसेंसिंग और मीडिया आउटरीच के साथ मानकीकरण के लिए भी अनगिनत आईटी सेवाएं प्रदान करेगा। सेवाओं का सेंट्रलाइजेशन सेवा देने और लेने वाले दोनों के लिए प्रणाली को आसान करेगा।
एमओयू के अंतर्गत कई संगठनों ने दिया योगदान
पहले हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के संगठनों जैसे एनईजीडी ने आयुष संजीवनी मोबाइल एप्लीकेशन के विकास, मॉनिटरिंग डैशबोर्ड, आयुष जीआईएस के विकास के लिए बीआईएसएजी एन, आयुष शिक्षा संबंधी मॉड्यूल, आयुष सूचना हब के विकास के लिए डीआईसी, मंत्रालय की वेबसाइट, आयुसॉफ्ट, आयुष डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने के लिए सी डैक के विकास में आवश्यक सहयोग दिया।