भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए मजबूती और दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। भारत सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी घुसपैठ के लिए पाकिस्तान के समर्थन का मुद्दा निरंतर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर उठाता रहा है।
आतंकवाद की निरंतर बढ़ती चिंताओं के बारे में दुनिया को किया सजग
पाकिस्तान की सरजमीं से उत्पन्न होने वाले सीमापार आतंकवाद की निरंतर चिंताओं के बारे में भारत अपने भागीदारों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देता रहा है। भारत में पकड़े गए आतंकवादियों के पाकिस्तानी मूल के बारे में विश्वसनीय जानकारी भी साझा की जाती रही है।
सीमा पार आतंकवाद समाप्त होना जरूरी
भारत ने लगातार सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने की जरूरत पर जोर दिया है। लेकिन पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध बनाने के भारत के प्रयास सीमा पार आतंकवाद और भारत के खिलाफ हिंसा के लिए पाकिस्तान के निरंतर समर्थन से कमजोर पड़ते रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान आतंकवाद का पनाहगाह बना हुआ है। इसका बड़ा उदाहरण है कि पाकिस्तान ने अभी तक 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के परिवारों को न्याय दिलाने में ईमानदारी नहीं दिखाई है क्योंकि वह लगातार उलझाने और टालमटोल करने की रणनीति में लगा हुआ है।
भारत के लगातार आग्रह के बावजूद आतंकवादियों को शरण दे रहा पाकिस्तान
केवल इतना ही नहीं भारत के लगातार आग्रह के बावजूद कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी धरती या अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग करने दिया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं करने की जनवरी 2004 की प्रतिबद्धता का सम्मान किया जाना चाहिए। इसी के चलते आज भी LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर या सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ और भारत में हथियारों की अवैध तस्करी में कोई कमी नहीं आई है।
नहीं बदलेगी पाकिस्तान के साथ वार्ता को लेकर भारत की नीति
यही कारण है कि भारत ने कहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद भी दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया दोबारा शुरू होने के संबंध में उनकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। इस पर विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल आवश्यक शर्त है।
दरअसल, इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में पूछा गया था कि पाकिस्तान में शाहबाज शरीफ की सरकार बनने के बाद द्विपक्षीय वार्ता शुरू होने की क्या संभावना है।
सभी देशों को आतंकवाद के बारे में बिना भेदभाव का रवैया अपनाना चाहिए
इस पर उन्होंने कराची में हुए आत्मघाती बम हमले के संबंध में कहा कि भारत कहीं भी किसी भी तरह के आतंकवादी हमले की निंदा करता है। हमारा मानना है कि सभी देशों को आतंकवाद के बारे में बिना भेदभाव का रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पीएम मोदी की हाल की यात्रा के बारे में पाकिस्तान की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि पड़ोसी देश का इससे कोई सरोकार नहीं है।
UN में भी आतंकवाद के मुद्दे पर लगातार ध्यान दिलाता रहा है भारत
गौरतलब हो, विदेश मंत्रालय की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद कृत्य से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे के विषय पर लगातार ध्यान दिलाया जाता रहा है। भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ अपना कड़ा रुख बनाए हुए है। याद हो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अगस्त 2021 में भारत ने दुनिया को चेताया था कि वह आतंकवाद रूपी बुराई से कभी समझौता न करे। उस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति को भी चिंताजनक बताते हुए आतंकवाद से मिलकर लड़ने की अपील की थी। इस पर भारत के साथ कई देशों ने अपनी सहमति भी जताई थी।
आतंकवाद पर न हो दोहरा रवैया
भारत ने कहा है कि न तो आतंकवाद को कभी न्यायसंगत ठहराया जाए, न आतंकवादियों का महिमा मंडन हो और न ही इस पर दोहरा रवैया हो। इस प्रकार भारत लगातार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती से लड़ता आ रहा है। इसमें भारत के विदेश मंत्रालय का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
भारत पर बढ़ा दुनिया का भरोसा
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान करती भारतीय विदेश नीति और भारत की नेक छवि को ध्यान में रखते हुए ही दुनिया का भरोसा भारत पर और बढ़ गया है। यही कारण है कि भारत अब नेतृत्वकारी भूमिका में आ रहा है। अपनी विदेश नीति के बलबूते भारत को अच्छी पहचान मिल रही है। याद हो भारत ने बीते साल अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद संभाला था जिसकी जिम्मेदारी को भारत ने बखूबी संभाला था। आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दोहराता रहा है भारत
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दुनिया भर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए, आतंकवाद का मुकाबला करने के मुद्दे को 2021 के दौरान सभी स्तरों पर विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में प्रमुखता से उठाया गया। इस तरह की सभी वार्ताओं के दौरान, भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की और वैश्विक तथा क्षेत्रीय स्तर पर आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत ने ब्रिक्स आतंकवाद रोधी कार्य समूह और उप समूहों की बैठकों की भी अध्यक्षता की। भारत ने आतंकवाद का मुकाबला करने से संबंधित मुद्दों पर एफएटीएफ, जीसीटीएफ, यूएन और विभिन्न अन्य क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संगठनों की बैठकों में भी भाग लिया।