विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से वैश्विक स्तर पर उभरती हुई शक्ति है और एशिया में क्षेत्रीय शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की जीवंत अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसने हाल के वर्षों में अपार वृद्धि की है। डॉक्टर जयशंकर ने कल पराग्वे में वहां के विदेश मंत्री जुलियो सिजर एरियोला के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कहीं। दोनों नेताओं ने सार्थक वार्ता की और आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने वृद्धि, व्यापार, विकास साझेदारी और निवेश के मुद्दों पर चर्चा की। डॉक्टर जयशंकर ने बताया कि वैश्विक स्थिति पर उनका बहुत अच्छा विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने कहा कि दोनों देश नियम आधारित ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें अंतराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का सम्मान हो और बहुलतावाद को समर्थन मिलता है। डॉक्टर जयशंकर दक्षिण अमरीका की अपनी पहली सरकारी यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के साथ आपसी संबंधों को आगे ले जाना है। वे पराग्वे की यात्रा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री भी हैं। डॉक्टर जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय हो रही हैं जब दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की साठवीं वर्षगांठ शुरू हो रही है। डॉक्टर जयशंकर ने पराग्वे के राष्ट्रपति मेरिटो आब्दो से भी मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाओं का संदेश दिया। विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर और पराग्वे के विदेश मंत्री जूलियो सिजर एरियोला ने पराग्वे में भारतीय दूतावास का उद्घाटन किया। पराग्वे के गृह मंत्री फेडरिको ए. गोंजालेज भी इस अवसर पर मौजूद थे। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि यह दूतावास भारत और पराग्वे के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों तथा बहुपक्षीय सहयोग का एक उदाहरण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नया दूतावास भारत-पराग्वे संबंधों को नई ऊंचाइ पर ले जाएगा।
