भारत में आधार को अपनाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इस संबंध में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। गौरतलब हो, जुलाई 2022 के अंत तक देश में 1.47 करोड़ लोगों ने अपना आधार कार्ड अपडेट करवाया है। इसके लिए लोगों ने आधार केन्द्रों और ऑनलाइन आधार अपडेट पोर्टल की मदद ली है। यानि अब तक जुलाई महीने के अंत तक कुल 63.55 करोड़ लोग अपने आधार कार्ड का डेमोग्राफिक और बायोमैट्रिक डिटेल अपडेट करा चुके हैं।
90 फीसद लोगों के बने आधार कार्ड
जुलाई महीने में 53 लाख से अधिक नए आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर 18 साल से कम आयु के बच्चों के आधार कार्ड बने हैं। देश में अब तक 93.41 फीसदी 18 साल से अधिक आयु के लोगों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है। मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक लगभग 26 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं।
बैंकिंग ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल
एलपीजी, मनरेगा और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम समेत कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाने में आधार पेमेंट ब्रिज का अहम रोल है। गौरतलब हो, केवल जुलाई 2022 में 12,511 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन आधार पेमेंट ब्रिज के माध्यम से किया गया है। जुलाई 2022 में आधार के माध्यम से 22.84 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजेक्शन किए गए हैं। आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम और माइक्रो एटीएम नेटवर्क के माध्यम से 1507 करोड़ बैंकिंग ट्रांजेक्शन संभव हो सके हैं। केवल जुलाई महीने में 22.37 करोड़ आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम ट्रांजेक्शन किए गए हैं।
सरकारी सेवाओं में बढ़ा आधार का चलन
सिर्फ जुलाई महीने में आधार के जरिए 152.5 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए है जिनमें से 122.57 करोड़ ट्रांजेक्शन फिंगर-प्रिंट बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन के माध्यम से और बाकी इस महीने में डेमोग्राफिक डिटेल की मदद से ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं। आधार कार्ड ने आखिरी पायदान पर खड़े इंसान को बैंकिंग सुविधाओं (ट्रांजेक्शन) से जोड़ने का काम किया है। आधार कार्ड का इस्तेमाल लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुचाने के लिए किया जा रहा है। फिलहाल केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा देश में चलाई जा रही लगभग 900 जनकल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
आधार की सत्यता स्थापित करने के कई तरीके
आधार कार्ड की असलियत को कैसे सत्यापित किया जाए, आमतौर पर किसी संस्थान के सामने सवाल तब पैदा होता है जब कोई व्यक्ति अपनी पहचान के प्रमाण के तौर पर आधार कार्ड प्रस्तुत करता है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि आधार की सत्यता को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आसानी से इस प्रकार स्थापित किया जा सकता है:-
ऑनलाइन माध्यम- आधार धारक के आयु वर्ग, लिंग, राज्य और मोबाइल के अंतिम 3 अंकों को https://myaadhaar.uidai.gov.in/verifyAadhaar पर जाकर आधार नंबर फीड करके सत्यापित किया जा सकता है।
ऑफलाइन माध्यम- प्रत्येक आधार कार्ड/ आधार पत्र/ ई आधार पर एक सुरक्षित क्यूआर कोड मुद्रित होता है जिसमें जनसांख्यिकीय विवरण (नाम, लिंग, जन्मतिथि और पता) के साथ-साथ आधार कार्ड धारक की तस्वीर भी होती है।
UIDAI द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित
भले ही आधार कार्ड पर तस्वीर की जगह फोटोशॉप के जरिए किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगाकर आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई हो लेकिन क्यूआर कोड में दी गई जानकारी सुरक्षित होती है और उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है क्योंकि यह UIDAI द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित है। क्यूआर कोड को प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलब्ध ‘आधार क्यूआर स्कैनर’ एप द्वारा पढ़ा जा सकता है।
कितने आधार नंबर हो चुके जारी
यूआईडीएआई निवासियों के लिए अतिरिक्त जांच के तौर पर ‘आधार’ को सत्यापित करने का सुझाव देता है। उदाहरण के लिए, किसी कर्मचारी, घरेलू नौकर, ड्राइवर आदि को काम पर रखने या मकान किराये पर देते समय किरायेदार के आधार कार्ड की असलियत की जांच की जा सकती है। आम लोग भी किसी भी समय किसी व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच के तौर पर उसके आधार को सत्यापित कर सकते हैं।
यूआईडीएआई की स्थापना भारत के सभी निवासियों को ‘आधार’ नामक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) जारी करने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि यूआईडी द्वारा (क) दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्त किया जा सके और (2) उसे सरलता से एवं किफायती लागत में सत्यापित और प्रमाणित किया जा सके। 31 मार्च, 21 तक की स्थिति के अनुसार, प्राधिकरण द्वारा भारत के निवासियों को कुल 128.99 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं।