हरिद्वार पुलिस और ऑपरेशन कामधेनु, हरिद्वार पुलिस की “गौवंश बचाने की” शानदार कोशिश

Uttarakhand News

जनपद हरिद्वार का शहरी क्षेत्र जहां धर्मनगरी के नाम से जाना जाता है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिकता से तालमेल बैठाते हुए आज भी भारतीय पारंपरिक तरीकों से जीवन निर्वाह व खेती की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों के कई गांवों की सीमाएं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर आदि से लगती हैं। जहां समय-समय पर जनपदीय ग्रामीणों द्वारा शिकायत की जाती है कि रात के अंधेरे में हमारे पशुओं को गोकशी/चोरी हेतु निकटतम राज्यों में ले जाया जाता है लेकिन पहचान न होने के कारण कई बार हम अपने पशुओं को समय रहते वापस नहीं ला पाते।

इन सबकी रोकथाम हेतु आज हरिद्वार पुलिस द्वारा पशु चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर “ऑपरेशन कामधेनु” के अंतर्गत कोतवाली लक्सर क्षेत्रांतर्गत गांव गांव जाकर “गोवंश सुरक्षा हेतु” पहले चरण में 30 गोवंशों की टैगिंग कर उनका डेटा अपडेट किया गया। पशुओं पर टैगिंग की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

इससे एक तरफ जहां पशुओं की गोकशी/चोरी में रोक लगेगी वहीं दूसरी तरफ रात के अंधेरे में रेडियम चमकने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।

कुछ ग्रामीणों द्वारा दूध न दिए जाने पर चुपके से अपने पशुओं को सड़कों/खेतों पर आवारा छोड़ दिया जाता है, ऐसे पशु मालिकों के खिलाफ “टैग से सही पहचान कर”, कार्रवाई भी की जाएगी।

हरिद्वार पुलिस द्वारा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर की जा रही इस “व्यवस्थित कार्रवाई से”, ग्रामवासीयों द्वारा खुशी जाहिर की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *